हाइलाइट्स
अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसी ने 6,000 से अधिक बंदियों का डेटा लीक किया,
बंदियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर व्यक्त की चिंता, ICE ने कहा- गलती से लीक हुआ डेटा, जांच जारी
वॉशिंगटन : अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसी ने बुधवार को कहा कि उसकी हिरासत में लिए गए 6,000 से अधिक लोगों की व्यक्तिगत जानकारी अनजाने में उसकी वेबसाइट पर पोस्ट हो गई थी जो लगभग पांच घंटे तक पोस्ट रही. जानकारी में नाम, राष्ट्रीयता और वो डिटेंशन सेंटर (निरोध केंद्र) शामिल थे, जहां लोगों को रखा गया था. ह्यूमन राइट्स फर्स्ट के अनुसार, एक वकालत समूह ने सोमवार को इस लीक की बात कही थी.
ह्यूमन राइट्स फर्स्ट के अनुसार, सभी 6,252 लोगों (जिनकी पहचान उजागर की गई) ने उत्पीड़न की आशंका व्यक्त की है. अगर अदालतों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया और उन्हें घर लौटा दिया गया तो वहां उन्हें खतरा हो सकता है. शरणार्थी सुरक्षा के लिए समूह की वरिष्ठ निदेशक एलेनोर एसर ने कहा कि उन्हें चिंता है कि बंदियों या उनके परिवारों को उनके घरेलू देशों में खतरा हो सकता है. एसर ने कहा, “कुछ देशों में लोगों को निशाना बनाया जाता है, शरण मांगने के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाती है.”
ICE ने कहा-गलती से लीक हुआ डाटा
पूरे मामले को लेकर ICE ने कहा कि, “नियमित अपडेट करने की प्रक्रिया में” एक एक्सेल स्प्रेडशीट पर गलती से डेटा पोस्ट हो गया था. जिसे एजेंसी ने पोस्ट होने के 11 मिनट बाद अपनी वेबसाइट से हटा दिया था. एजेंसी ने एक बयान में कहा, “हालांकि अनजाने में, सूचना का इस तरह लीक होना, नीति-नियम का उल्लंघन है और एजेंसी घटना की जांच कर रही है. एजेंसी सभी आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई कर रही है.” ICE ने कहा कि बंदियों या उनके वकीलों को लीक के बारे में बता दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 16:36 IST