नई दिल्ली. मलेरिया ऐसी वैश्विम बीमारी है, जिसकी वजह सह हर साल लाखों लोगों को अकाल मृत्यु का शिकार होना पड़ता है. इसमें बच्चों की बड़ी तादाद शामिल है. अफ्रीका महादेश हर साल मलेरिया का दंश झेलने को अभिशप्त है. मलेरिया से पीड़ित होने वालों में बड़ी तादाद बच्चों की होती है. अफ्रीका महादेश के एक देश में मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए बड़े अभियान की शुरुआत की गई है, ताकि बच्चों और वयस्कों को असमय मौत से बचाया जा सके.
अफ्रीकी देश कैमरून में मलेरिया की रोकथाम के लिए रूटीन टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है. इसका उद्देश्य हजारों की तादाद में बच्चों की जान बचाना है. मलेरिया टीकाकरण अभियान की शुरुआत कैमरून के याउंडे शहर से की गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो अफ्रीका में हर साल मलेरिया से 6 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इनमें से 80 फीसद से ज्यादा शिकार 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं. कैमरून 6 महीने के शिशुओं को RTSS का टीका मुफ्त में मुहैया कराता है, ताकि उसे बचाया जा सके.
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टीका का 4 डोज
मलेरिया के मरीजों को टीके की चार डोज लेना अनिवार्य होता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मलेरिया रोधी टीका अन्य रूटीन टीकों के समय ही बच्चों को दिया जाना चाहिए, ताकि लोगों को आसानी हो. बता दें कि मलेरिया रोधी टीके की शुरुआत ऐसे समय में की गई है, जब केन्या, घना और मलावी में इसका पायलट कैंपेन सफल रहा है. UNICEF की मानें तो टीका लेने से मलेरिया से होने वाली मौतों में 13 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है.
भारत में मलेरिया की स्थिति
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में भारत में मलेरिया के मामलों और मौतों में गिरावट दर्ज की गई. वर्ष 2022 में भारत में मलेरिया के तकरीबन 33 लाख मामले सामने आए थे. वहीं, 5 हजार लोगों की मलेरिया के कारण मौत हो गई थी. यह साल 2021 की तुलना में क्रमश: 30 और 34 प्रतिशत कम था. बता दें कि अफ्रीका में मलेरिया एक घातक बीमारी है, जिसके कारण लाखों लोगों की जान चली जाती है.
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Tags: Health News, Malaria
FIRST PUBLISHED : January 23, 2024, 05:41 IST