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अंग्रेजी भाषा से ऑनर्स करने वाले छात्र अब भारतीय सभ्यता व संस्कृति से जुड़े ग्रंथों की कहानियां पढ़ेंगे। इसमें रामायण, महाभारत व अभिज्ञान शकुंतलम जैसे संस्कृत साहित्य भी शामिल होंगे। इन पुस्तकों के अंग्रेजी अनुवाद को अंग्रेजी से ऑनर्स करने वाले बिहार विश्वविद्यालय के छात्र पढ़ेंगे। चार वर्षीय अंग्रेजी से ऑनर्स करने वाले छात्रों के लिए सिलेबस में बदलाव किया गया है। पूर्व के तीन साल के पाठ्यक्रम में पहले वर्ष में अंग्रेजी ऑनर्स के छात्रों को अंग्रेजी साहित्य का इतिहास पढ़ाया जाता था, लेकिन अब चार वर्षीय ऑनर्स में फर्स्ट सेमेस्टर में प्राचीन भारतीय साहित्य का अनुवाद पढ़ाया जाएगा। इसमें मृतमटिका, अभिज्ञान शकुंतलम, महाभारत और रामायण का बालकांड शामिल है। दूसरे सेमेस्टर में अंग्रेजी साहित्य का इतिहास पढ़ाया जायेगा। इसमें प्लूटो और अरस्तू के साहित्य को शामिल किया गया है। एमजेके कॉलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ तथागत बनर्जी बताते हैं कि चार साल के ऑनर्स पाठ्यक्रम में बदलाव कर भारतीय साहित्य से जुड़े पुस्तकों के अनुवाद को जोड़ा गया है।
एमजेके कॉलेज में अबतक 140 छात्रों का अंग्रेजी ऑनर्स में हो चुका है नामांकन
एमजेके कॉलेज के अंग्रेजी ऑनर्स चार वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए अब तक 140 छात्र-छात्राओं का नामांकन कराया है। विभागाध्यक्ष डॉ. तथागत बनर्जी ने बताया कि पहली सूची के आधार पर नामांकन का काम पूरा हो गया है। विवि के निर्देश के मुताबिक, आगामी 15 जुलाई से कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। इसे देखते हुए बदले हुए सिलेबस के तहत किताबें मंगाई जा रही हैं।
पुस्तकालय में उपलब्ध नहीं है अनुवाद
डॉ. तथागत बनर्जी ने बताया कि एमजेके कॉलेज के पुस्तकालय में भी रामायण, अभिज्ञान शकुंतलम और महाभारत का अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध नहीं है। बिहार विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में भी ये किताबें नहीं मिल रही हैं। लेकिन इन पुस्तकों का अनुवाद बाजार में मिल सकता है। इसके लिए पुस्तकों की सूची छात्रों को दी गई है। वहीं, कॉलेज प्रशासन को भी इन विषयों की किताबों की सूची दी गई है, ताकि इन पुस्तकों को मंगवाई जा सके।