Wednesday, April 30, 2025
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अक्षय तृतीया पर करें 4 आसान काम, धन, वंश, सुख-समृद्धि से भर जाएगा घर, पितृ दोष से भी मिलेगी मुक्ति


हाइलाइट्स

अक्षय तृतीया का अर्थ है- वह तृतीया तिथि, जिसका कभी क्षय न हो.
अक्षय तृतीया को किए गए मांगलिक कार्यों का फल पूरे जीवन भर साथ रहता है.
अक्षय तृतीया को माता लक्ष्मी, गणेश जी और धनपति कुबेर की पूजा की जाती है.

अक्षय तृतीया का पावन पर्व 22 अप्रैल को है. अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान करने से पाप मिटते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. अक्षय तृतीया को किए गए मांगलिक कार्यों का फल पूरे जीवन भर साथ रहता है, उसमें कभी कोई कमी नहीं होती है. उस फल से आपके अगले जन्म का भाग्य भी तय होता है. अक्षय तृतीया की कथा में इसका वर्णन मिलता है. अक्षय तृतीया का अर्थ है- वह तृतीया तिथि, जिसका कभी क्षय न हो. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन हर व्य​क्ति को कम से कम 4 जरूरी काम अवश्य ही करना चाहिए. इससे उसके धन-संपत्ति, वंश, सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है और वह पितृ दोष से भी मुक्त हो जाता है.

अक्षय तृतीया 2023 पर करने वाले 4 काम
1. सोना या जौ खरीदारी
अक्षय तृतीया वाले दिन आपके पास रुपए हैं तो सोना जरूर खरीदें. सोना को धन लक्ष्मी माना जाता है. यदि सोना नहीं खरीद सकते हैं तो जौ खरीद लें. जौ को भगवान विष्णु का प्रतीक मानते हैं. उसका उपयोग पूजा में करें. इससे आप पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी. पूरे परिवार की बरकत होगी.

यह भी पढ़ें: अक्षय तृतीया कब है 22 या 23 अप्रैल को? किस समय सोना खरीदना शुभ? जान लें सही तिथि और पूजा मुहूर्त

2. लक्ष्मी, गणेश और कुबेर पूजा
अक्षय तृतीया को माता लक्ष्मी, गणेश जी और धनपति कुबेर की पूजा की जाती है. माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि धन स्थिर रहे. कुबेर की पूजा करने से स्थाई धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है. कुबेर धनपति हैं, उनके पास अथाह धन का भंडार है. भगवान शिव ने उनको ध​नपति होने का वरदान दिया था.

3. पितरों के लिए तर्पण
अक्षय तृतीया के दिन किए गए कार्य का फल अक्षय रहता है, इसलिए अक्षय तृतीया पर स्नान के बाद पितरों की पूजा करें. उनको जल से तर्पण दें. उनके लिए आप श्राद्ध या पिंडदान भी कर सकते हैं. इससे आपके पितर हमेशा तृप्त और खुश रहेंगे. वे आपको सुखी जीवन का आशीर्वाद देंगे, जिससे आपके वंश की वृद्धि होगी. पितृ दोष से मुक्ति के लिए अक्षय तृतीया अच्छा अवसर है.

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4. दान-दक्षिणा
अक्षय तृतीया के अवसर पर स्नान के बाद दान करने का विधान है. ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और आशीर्वाद भी मिलता है. आप अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीब ब्रह्माणों को वस्त्र, अन्न, फल आदि का दान करें और दक्षिणा देकर विदा करें. वे प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देंगे.

अक्षय तृतीया 2023 पूजा मुहूर्त
अक्षय तृतीया को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:49 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक है. इस समय में आप माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

Tags: Akshaya Tritiya, Astrology, Dharma Aastha



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