Monday, January 6, 2025
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अक्षय तृतीया पर श्रीयंत्र से हो सकते हैं मालामाल, ज्योतिषाचार्य से जानें स्थापना और पूजा विधि, जपें लक्ष्मी महामंत्र


हाइलाइट्स

श्रीयंत्र की स्थापना और पूजा करने से घर में धन का प्रवाह बढ़ता है.
अक्षय तृतीया के दिन प्राप्त माता लक्ष्मी की कृपा जीवनपर्यंत बनी रहती है.

इस साल 22 अप्रैल दिन शनिवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. अक्षय तृतीया के अवसर पर सोना, चांदी, जौ, नारियल आदि वस्तुओं के खरीदने का जितना महत्व है, उतना ही महत्व श्रीयंत्र की पूजा और स्थापना का भी है. अक्षय तृतीया के दिन इन वस्तुओं के खरीदने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और श्रीयंत्र की पूजा से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. धन दौलत में वृद्धि होती है और व्यक्ति के पास रुपए की कमी नहीं होती है. श्रीयंत्र को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन प्राप्त माता लक्ष्मी की कृपा जीवनपर्यंत बनी रहती है, उसमें कोई भी कमी नहीं होती है, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन श्रीयंत्र की स्थापना करके पूजा करनी चाहिए. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं श्रीयंत्र की स्थापना, पूजा विधि और लक्ष्मी महामंत्र.

अक्षय तृतीया 2023 श्रीयंत्र के फायदे
अक्षय तृतीया के अवसर पर श्रीयंत्र की स्थापना और पूजा करने से घर में धन का प्रवाह बढ़ता है. रुपए-पैसे की कभी कमी नहीं रहती है. बिजनेस में उन्नति होती है. दरिद्रता दूर होती है. धन लाभ का योग बनता है.

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श्रीयंत्र स्थापना और पूजा विधि
श्रीयंत्र को पूजा स्थान, तिजोरी, बिजनेस स्थान आदि पर स्थापित कर सकते हैं. श्रीयंत्र की नियमित तौर पर पूजा करनी चाहिए. श्रीयंत्र की स्थापना के लिए अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही अच्छा है. इस दिन किए गए सद्कर्मों का पुण्य हमेशा रहता है. अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:49 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक है. इस समय में आप पूजा स्थान पर एक छोटी चौकी पर लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र बिछा दें. उस पर श्रीयंत्र को रखें. फिर माता लक्ष्मी का स्मरण करके श्रीयंत्र की पूजा लाल पुष्प, अक्षत्, कमलगट्टा, रोली, चंदन, धूप, दीप आदि से करें. घी का एक दीप श्रीयंत्र के दाएं तरफ रख दें. उसके साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करें. सफेद बर्फी, खीर और बताशे का भोग लगाएं.

लक्ष्मी महामंत्र
पूजा के बाद आप माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. महालक्ष्मी मंत्र ओम श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा है. इसका जाप कम से कम 108 बार करें. या फिर ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ओम महालक्ष्मी नमः मंत्र का जाप करें. इन दोनों मंत्रों का जाप कमलगट्टे की माला से करें. इससे आपके सुख और समृद्धि में अपार वृद्धि होगी और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

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श्रीयंत्र की पूजा के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें. उस दीपक को पूरे घर में लेकर जाएं. पूजा के बाद श्रीयंत्र को तिजोरी या पूजा स्थान पर रखें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें.

Tags: Religion



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