Home National अखिलेश-मायावती पिछड़े-दलितों के सबसे बड़े दुश्‍मन, ओपी राजभर का बड़ा हमला; क्‍या BJP के साथ फिर पक रही खिचड़ी?

अखिलेश-मायावती पिछड़े-दलितों के सबसे बड़े दुश्‍मन, ओपी राजभर का बड़ा हमला; क्‍या BJP के साथ फिर पक रही खिचड़ी?

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अखिलेश-मायावती पिछड़े-दलितों के सबसे बड़े दुश्‍मन, ओपी राजभर का बड़ा हमला; क्‍या BJP के साथ फिर पक रही खिचड़ी?

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Omprakash Rajbhar: यूपी की सियासत में अपने अलग अंदाज और विवादित बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सुभासपा अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर के एक बार फिर बीजेपी के साथ मिलकर खिचड़ी पकाने की अटकलें तेज हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2024 में तालमेल की सम्‍भावनाएं तलाशने के लिए जल्‍द ही राजभर और बीजेपी नेतृत्‍व के बीच बातचीत हो सकती है। इस बीच एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान उन्‍होंने सपा और बसपा पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश और मायावती को पिछड़े और दलितों का सबसे बड़ा दुश्‍मन बता दिया। 

वैसे राजभर बीच-बीच में 2024 में बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी एकता की बात भी करते हैं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सपा से गठबंधन टूटने के बाद से ही उनका बीजेपी प्रेम जगजाहिर है। हाल में दो सीटों पर सम्‍पन्‍न एमएलसी चुनाव में वह एक बार फिर डिप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ नज़र आए तो उनके और बीजेपी के करीब आने की अटकलें तेज हो गईं। कयास लगने लगे कि क्‍या राजभर फिर से बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर उन सीटों का ब्‍यौरा जुटाने में लगे हैं जहां पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के उम्‍मीदवारों को एक लाख या उससे अधिक वोट मिले थे। सूत्रों का यहां तक कहना है कि ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी नेताओं के बीच तालमेल के फार्मूले पर अंदरखाने काफी दिनों से बातचीत चल रही है। राजभर, बीच-बीच में इसके संकेत भी देते रहते हैं। वह अक्‍सर कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का दुश्‍मन नहीं होता। यह सम्‍भावनाओं का खेल है।

बताया जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी नेताओं के बीच इन गुपचुप बातों को लेकर स्थिति अगले एक-दो हफ्ते में पूरी तरह साफ हो जाएगी। बता दें कि पूर्वांचल की कई सीटों पर ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा का असर माना जाता है। इधर, बीजेपी यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत के लक्ष्‍य के साथ अपनी तैयारी कर रही है। इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए उसकी कोशिश यूपी के छोटे दलों से तालमेल बनाने की है। डिप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को ऐसे दलों से संवाद की जिम्‍मेदारी दी गई है। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। ओपी राजभर बीजेपी के सम्‍भावित साझीदारों में शामिल हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि राजभर घोसी, लालगंज, गाजीपुर, अम्‍बेडकरनगर, सलेमपुर, जौनपुर, बलिया और आजमगढ़ जैसी कई सीटों पर उसके लिए कारगर हो सकते हैं। लेकिन सियासत में कई गठजोड़ों का अनुभव कर चुके राजभर इस बार किन शर्तों पर बीजेपी के साथ जाएंगे और अंतत: चुनाव आते-आते ऊंट किस करवट बैठेगा, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्‍दबाजी होगी। 

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