हाइलाइट्स
कोविड-19 के नए वेरिएंट पर वैक्सीन का असर कम हो सकता है.
कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाने से कोई नुकसान नहीं है.
Covid-19 Cases Surge: देश में पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 2100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. यह आंकड़ा करीब 5 महीनों के बाद सबसे ज्यादा है. कुछ दिनों से लगातार कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. एक बार फिर कोरोना से हालात बिगड़ने की आशंका बढ़ रही है. जैसे-जैसे वायरस का शिकार होने वाले लोगों की संख्या में उछाल आ रहा है, वैसे-वैसे लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है. सभी इस बात को लेकर खौफ में हैं कि कहीं कोरोना महामारी पहले की तरह तबाही तो नहीं मचाएगी. चिंता की बात यह है कि जानकारों ने भी अगले कुछ समय में कोरोना के केसेस बढ़ने की आशंका जताई है. डॉक्टर्स से कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह समझ लेते हैं. उनसे यह भी जानेंगे कि इससे किस तरह बचा जा सकता है.
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और एनडीएमसी के पूर्व सीएमओ डॉ. अनिल बंसल से जब कोरोना के बढ़ते मामलों पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कोविड का वायरस लगातार म्यूटेशन कर रहा है. हर बार यह अलग वेरिएंट में वापस आ रहा है, जो ज्यादा संक्रामक साबित हो रहा है. इस बार वायरस म्यूटेट करने के बाद तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. अगले कुछ समय में कोरोना के मामलों में बेहताशा वृद्धि देखने को मिल सकती है. इससे बचने का बस एक ही तरीका है कि लोग अभी से सतर्क हो जाएं और कोविड गाइडलाइंस का पालन करना शुरू कर दें. अगर लोगों ने इसमें लापरवाही बरती, तो हालात काफी बिगड़ सकते हैं. कुछ महीने पहले चीन में भी कोरोना ने लंबे समय बाद कहर बरपाया था, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कोविड वायरस कभी भी तबाही मचा सकता है.
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मौसम से कोविड का नहीं कोई लेना-देना
जब डॉक्टर अनिल बंसल ने पूछा गया कि क्या गर्मी के मौसम में कोविड का असर कम हो जाता है, तो इस पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मौसम से कोरोना वायरस का कोई लेना-देना नहीं है. हम पहले भी देख चुके हैं कि कोविड संक्रमण ने हर मौसम में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. ऐसे में गर्मी और सर्दी को लेकर चल रही बातों का कोई महत्व नहीं है. लोगों को कोविड संक्रमण के बढ़ते कहर को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. लगातार केस बढ़ते रहे और सही समय पर बचाव नहीं किया गया, तो कोरोना की चौथी लहर जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. हालांकि कोविड से पहले की लहरों में संक्रमित हो चुके लोगों के शरीर में कोविड रजिस्टेंस बन चुका है, तो इसका मुकाबला करने में कुछ हद तक मदद मिल सकेगी. हालांकि कमजोर इम्यूनिटी और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह जानलेवा हो सकता है.
नए वेरिएंट पर कम हो जाता है वैक्सीन का असर
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत भी मानती हैं कि अगले कुछ महीनों में कोविड संक्रमण के केस तेजी से बढ़ सकते हैं. इसकी वजह उन्होंने वायरस के म्यूटेशन को बताया है. उन्हें लगता है कि संक्रमण पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो बड़ी संख्या में लोगों के हॉस्पिटलाइजेशन की नौबत आ सकती है, जिससे हालात भयावह हो सकते हैं. कोविड के नए वेरिएंट पर वैक्सीन का असर कम हो जाता है, लेकिन वैक्सीन का कितना असर होता है, यह रिसर्च के बाद ही पता चलेगा. हालांकि जिन लोगों ने कोविड की वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें वैक्सीन जरूर लगवा लेनी चाहिए. इसके अलावा बूस्टर डोज लगवाने से भी कोई नुकसान नहीं है. खासतौर से बुजुर्गों को वैक्सीन को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. इसके अलावा सभी लोगों को कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना चाहिए, ताकि हालात काबू से बाहर न हों.
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संक्रमण से बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
डॉक्टर सोनिया रावत कहती हैं कि कोविड संक्रमण एक वायरल इंफेक्शन है, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं होता. लक्षणों के आधार पर इसका ट्रीटमेंट किया जाता है. इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप कोविड गाइडलाइंस का पालन करें. घर से बाहर निकलते वक्त फेस मास्क लगाएं, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें. डॉक्टर कहती हैं कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, टीबी और एचआईवी समेत अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कोविड से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसे लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है और कोरोना संक्रमण से मौत का खतरा इन्हें ज्यादा होता है.
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Tags: Coronavirus, COVID 19, Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : March 29, 2023, 12:05 IST