Friday, July 5, 2024
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अडानी ग्रुप को लेकर संसद में हंगामा, कांग्रेस बोली- JPC या फिर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी करे जांच


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हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी दिनों दिन मुसीबतों में घिरते नजर आ रहे हैं। अडानी ग्रुप के गिरते स्टॉक और एफपीओ की वापसी को लेकर विपक्ष भी हमलावर है और इस मामले की जांच करवाने की मांग कर रहा है। अडानी ग्रुप ने बुधवार को अचानक ही अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को कैंसल करने का ऐलान कर दिया था। वहीं फोर्ब्स की रिपोर्ट में कहा गया हैकि गौतम अडानी खुद अपने एफपीओ में  बड़ा दांव लगा रहे थे। गुरुवार को विपक्षी दलों ने बैठक की और इसके बाद संसदीय पैनल या फिर सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त कमिटी द्वारा गौतम अडानी के खिलाफ लगने वाले फ्रॉड के आरोपों की जांच करवाने की मांग की है। हंगामे की बीच संसद की कार्यवाही कल यानी शुक्रवार तक के लिए  स्थगित कर दी गई।

अमेरिकी शॉर्ड सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर भरभराकर गिरे हैं। वहीं विपक्ष की मांग है कि संसद की नियमति कार्यवाही को निलंबित किया जाए और भारतीय निवेशकों के रिस्क पर चर्चा हो। अडानी ग्रुप पर आरोप लगने के बाद उसे 100 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। ध्यान देने वाली बात यह है कि लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) भी अडानी ग्रुप में निवेश करते हैं। 

विपक्ष के नेताओं ने की बैठक

गुरुवार सुबह संसद परिसर में ही कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की। इसके बाद उन्होंने बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार को घेरने का फैसला किया। उन्होंने संसद में अडानी ग्रुप मामले पर चर्चा की मांग की। इसको लेकर लोकसभा में हंगामा भी देखने को मिला। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. के साथ टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, जेडीयू और लेफ्ट पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। 

9 दलों ने संसद में दिया नोटिस

अडानी ग्रुप की स्थिति को लेकर 9 दलों ने संसद में चर्चा के लिए नोटिस दिया। राज्यसा में मल्लिकार्जुन खड़गे. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और केशव राव ने नोटिस दिया। खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी बनाकर  या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो जिसकी डे टु डे रिपोर्ट दी जाए। वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, ईडी और सीबीआई को जांच के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि अडानी का पासपोर्ट जब्त कर लेना चाहिए नहीं तो वह विदेश भाग सकते हैं. 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या था

दरअसल हिंडनबर्ग  की रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप ने अपने शेयरों की कीमत 45 गुना ओवरवैल्यू की है। वहीं अडानी ने 30 फीसदी कर्ज सरकारी बैंकों से लिया है। केवल 8 फीसदी प्राइवेट बैक से लिया है। इसमें कहा गया था कि अडानी के परिवार के लोगों ने यूएई और कैरीबियन द्वीप में फर्जी कंपनियीं दिखाई हैं। वहीं अडानी ग्रुप की तरफ से कहा गया था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सच्चाई नहं है। वह निराधदार तरीके से गलत जानकारी दे रहा है। 



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