Wednesday, February 5, 2025
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अधिकारों को समझें मरीज-तीमारदार, बेहिचक करें डॉक्टर से बात, जानें इस दिन का इतिहास और थीम


हाइलाइट्स

दुनियाभर में हर साल 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना.

World Patient Safety Day: दुनियाभर में हर साल 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और रोगी क्षति को कम करने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करना है. यह दिवस रोगी सुरक्षा स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधान के दौरान रोगियों को होने वाले जोखिमों, त्रुटियों और नुकसान को रोकने और कम करने पर केंद्रित है. आइए हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक जानते हैं इसबार की थीम और इसका इतिहास-

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का इतिहास

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मई 2019 में की गई थी. तब 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने रोगी सुरक्षा पर वैश्विक कार्वाई पर प्रस्ताव WHA 72.6 को अपनाया था. इसके बाद पहली बार विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 17 सितंबर 2019 में मनाया गया था. इसके बाद से हर साल इसदिन विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाने लगा.

क्या है इस बार की थीम

इस साल 2023 में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस की थीम लोगों को मरीज के प्रति देखभाल और सेफ्टी के लिए प्रेरित करना (Engaging patients for patient safety) है. ताकि रोगी क्षति को कम किया जा सके.

क्यों मनाते हैं यह दिवस

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाने की मुख्य वजह गलत और असुरक्षित दवाइयों के चलते होने वाले नुकसान के बारे में लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना है. दरअसल, कई ऐसे लोग होते हैं जो गलत दवाई या मेडिकल लापरवाही का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में ये लापरवाही मरीजों की जान पर बन आती है. इसलिए जरूरी है कि मरीज और तीमारदार अपने अधिकारों को समझें और डॉक्टर से बेहिचक बात करें. ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में हेल्थकेयर सिस्टम में हुई प्रगति के साथ, नई तकनीक, उपचार और दवाओं के आने के साथ और भी जटिल हो गया है.

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जानने का हक

मरीज या तीमारदारों को अस्पताल के नियमों को जानने को पूरा हक है. इसके लिए अस्पताल की जिम्मेदारी है कि वह मरीजों-तीमारदारों को आसान भाषा में जानकारी दें. क्योंकि अस्पताल में किसी भी प्रकार के इलाज से पहले मरीज को अपनी सहमति का पूरा अधिकार होता है. अस्पताल के डॉक्टर को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे मरीज से जुड़े सभी जोखिमों और फायदों के बारे में जानकारी दें और उन्हें अंतिम निर्णय लेने दें.

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Tags: Health, Health News, Lifestyle



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