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अनीश बाबू का केरल विजिलेंस से कनेक्‍शन, ED के दावे से सनसनी

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अनीश बाबू का केरल विजिलेंस से कनेक्‍शन, ED के दावे से सनसनी

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Kerala Cashew Scam: केरल काजू घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय या ईडी की टीम ने अनीश बाबू से पूछताछ की है. इसमें कई बाते सामने आई हैं. जांच एजेंसी ने चौंकाने वाला दावा भी किया है.

अनीश बाबू का केरल विजिलेंस से कनेक्‍शन, ED के दावे से सनसनी

ईडी ने केरल काजू घोटाला मामले में अनीश बाबू से पूछताछ की है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में अनीश बाबू को 30 मई 2025 को नई दिल्ली ऑफिस में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था. यह समन केरल हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश के तहत जारी हुआ था, लेकिन अनीश बाबू तय तारीख पर पेश नहीं हुए. इसके बाद 4 जून 2025 को दोबारा समन जारी किया गया और उन्हें 6 जून को पेश होने को कहा गया. इस बार वह हाज़िर हुए और अपना बयान दर्ज कराया.

ED के सूत्रों के मुताबिक, अनीश बाबू का बयान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक CCTV की निगरानी में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ लिया गया. बयान में उन्होंने ये तो माना कि उनकी वॉट्सऐप कॉल्स के जरिए विल्सन नाम के शख्स से 100 से ज़्यादा बार बातचीत हुई, लेकिन कोई सबूत नहीं दे पाए. उन्होंने ये भी साफ कहा कि उन्हें ईडी के किसी अधिकारी के VACB (केरल विजिलेंस) केस में शामिल होने की जानकारी नहीं है. उन्होंने खुद माना कि उनके पास ईडी अधिकारियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. जहां तक पैसों का सवाल है, अनीश बाबू ने बोहरा कमोडिटीज नाम की फर्म के एक बैंक खाते में ₹50,000 ट्रांसफर किए थे, जो बाद में उन्हें वापस भी मिल गए. ईडी को इस बात के भी संकेत मिले हैं कि केरल विजिलेंस टीम लगातार अनीश बाबू को गाइड कर रही है कि कैसे ईडी की पूछताछ से बचा जाए और मीडिया के जरिए ईडी की छवि पर सवाल उठाए जाएं.

ED का चौंकाने वाला दावा

ईडी का कहना है कि जिन लोगों को केरल विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है, वे ईडी के अफसर नहीं हैं. असल में अनीश बाबू, उनकी मां अनीता बाबू और पिता बाबू जॉर्ज खुद ही केरल पुलिस के कई चीटिंग केसों में आरोपी हैं. उनपर करीब ₹24 करोड़ की ठगी और अफ्रीका से काजू आयात के नाम पर फॉरेन एक्सचेंज में हेराफेरी के आरोप हैं. इस केस में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है.

जांच में सहयोग न करने का आरोप

ईडी के अनुसार, अनीश बाबू अब तक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वे बार-बार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डालते रहे, जिन्हें खारिज कर दिया गया. हर बार जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाता है, तो वे मीडिया में ईडी और उसके अधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं. ईडी का साफ कहना है कि यह पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है और अनीश बाबू और उनके परिवार की भूमिका संदिग्ध है. बार-बार कोर्ट में याचिकाएं और मीडिया में बयान देकर वह जांच से बचना चाहते हैं, लेकिन कानून से भागना आसान नहीं होगा.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें

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