रजत भट्ट/गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर शहर में दशहरा के दिन माहौल कुछ अलग होता है. हर कोई रंग अबीर के साथ विजयदशमी के जश्न में डूबा होता है. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शहर में मौजूद होते हैं. जबकि दशहरा दिन मुख्यमंत्री का एक खास रूप देखने को मिलता है, जोकि नाथ संप्रदाय की पुरानी पहचान और सभ्यता संस्कृति में से एक है. इस दिन सीएम योगी दंडाधिकारी के रूप में दिखाई देते हैं. इस दौरान वह साधु संतों के न्याय की बात करते हैं. साल में यह एकमात्र ऐसा मौका होता है जिस दिन मुख्यमंत्री का अनोखा रूप सामने आता है.
विजयदशमी के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर में भी विशेष पूजा अर्चना के साथ पारंपरिक परंपराओं का निर्वहन होता है. इस दिन सीएम योगी दंडाधिकारी के रूप में जाने जाते हैं. इस दिन नाथ संप्रदाय के साधु संतों की मंदिर में विशेष अदालत बैठती है. जिसमें गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर द्वारा संतों के तमाम विवादों का निस्तारण किया जाता है. यह दिन नाथ संप्रदाय के साधु संतों के लिए विशेष होता है. मुख्यमंत्री दंडाधिकारी इसलिए बनते हैं क्योंकि वह नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पथं योगी महासभा के अध्यक्ष हैं.
सीएम करते हैं पूजा
विजयदशमी के दिन मंदिर में पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है. वहीं अदालत में मौजूद साधु संत विवादों के निस्तारण से पहले संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं. पात्र देवता के सामने जो भी साधु संतों की सुनवाई होती है. उसमें कोई भी संत झूठ नहीं बोल सकता है. यह पात्र पूजा संत समाज के अनुशासन की पहचान होती है.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 10:44 IST