Home World अपने ही साथियों का शव रौंदकर जाने को मजबूर हुई रूसी सेना, क्या निर्णायक मोड़ पर आ चुकी जंग?

अपने ही साथियों का शव रौंदकर जाने को मजबूर हुई रूसी सेना, क्या निर्णायक मोड़ पर आ चुकी जंग?

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अपने ही साथियों का शव रौंदकर जाने को मजबूर हुई रूसी सेना, क्या निर्णायक मोड़ पर आ चुकी जंग?

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Russia-Ukraine War: यूक्रेन-रूस युद्ध में रूस ने दावा किया है कि उसकी सेना पूर्वी यूक्रेन में नमक-खनन शहर सोलेदार पर कब्जा करने के करीब पहुंच गई है, जो क्रेमलिन के लिए एक मायावी जीत का प्रतीक हो सकता है। हालांकि, रूस को यह जीत बड़े पैमाने पर उसके सैनिकों की कुर्बानी की कीमत पर मिल रही है। 

अलजज़ीरा के मुताबिक, यूक्रेन के दोनेत्स्क के गवर्नर पावलो किरिलेंको ने टेलीविजन पर दावा किया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान सोलेदार की लड़ाई में 100 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए हैं। किरिलेंको ने कहा कि रूसी सेना इस कदर मजबूर हुई कि उसे अपने ही साथियों की लाशों पर से होकर गुजरना पड़ा और फिर रास्ते में ही उन्हें सबकुछ जला देना पड़ा। 

रूसी सेना ने पिछले दिनों सोलेदार क्षेत्र के एक दर्जन शहरों और गांवों पर गोलाबारी की थी। इस दौरान रूसी सेना ने सोलेदार के गांवों और शहरों में मोर्टार और रॉकेट दागे। कई सैन्य असफलताओं के बाद रूसी सेना को इस इलाके में बड़ी सफलता मिली है। 

किरिलेंको ने कहा, “नागरिक उस नरसंहार के बीच जीवित रहने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि रूसी अपने हमलों को दबा रहे थे।”दिसंबर में खेरसॉन के महत्वपूर्ण शहर को गंवाने के बाद सोलदार की हार क्रेमलिन के लिए किसी ऑक्सीजन से कम नहीं है।

सोलेदार पर रूस की जीत रूसी सैनिकों को पूर्वी डोनेट्स्क प्रांत के अन्य क्षेत्रों को जीतने में मददगार साबित हो सकता है जो यूक्रेनी नियंत्रण में हैं,खासतौर पर रणनीतिक बखमुत शहर । सोलेदार बखमुत से मात्र 15 किलोमीटर दूर है।

 

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