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नई दिल्ली. विश्व भर के लगभग सभी सैक्टरों में पहुंच चुका आर्टिफिश्यिल इंटेलिजेंस अब आयुष के क्षेत्र में भी पहुंच चुका है. एआई के साथ ही आयुष ग्रिड के जरिए आयुष विभाग कुशल, समग्र, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा. स्वास्थ्य के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस ग्रुप के हिस्से के रूप में आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा पर एक विषय समूह का नेतृत्व कर रहा है. आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बेंचमार्किंग सुनिश्चित कर रहा है.
जी-20 में भारत की अध्यक्षता के तहत दूसरे स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक के दूसरे दिन, डिजिटल स्वास्थ्य और इनोवेशन का लाभ उठाते हुए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए नागरिक केंद्रित हेल्थ डिलिवरी इकोसिस्टम पर एक महत्वपूर्ण विचार-मंथन सत्र हुआ. आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने एक इतर समारोह में उद्घाटन भाषण देते हुए संयुक्त राष्ट्र निकायों के मार्गदर्शन और समर्थन से पारंपरिक चिकित्सा आयुष ग्रिड के लिए व्यापक आईटी बैकबोन के जरिए और पारंपरिक चिकित्सा में एआई की बेंचमार्किंग सुनिश्चित करते हुए सेवा वितरण के एक एकीकृत समग्र स्वास्थ्य सेवा मॉडल पर जोर दिया.
वैद्य कोटेचा ने कहा कि न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की दक्षता और नतीजों के लिए डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल की हिमायत करने की जरूरत है, बल्कि मेडिकल रिकॉर्ड को बनाए रखने, सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न प्रकारों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की भी जरूरत है. स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न प्रकारों में औषधीय-चिकित्सीय हस्तक्षेप, पारंपरिक चिकित्सा आधारित दृष्टिकोण और अन्य नवाचार शामिल हैं लेकिन ये इन्हीं तक सीमित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भारत में डब्ल्यूएचओ (WHO) के आगामी पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र का एक कार्य पारंपरिक चिकित्सा में डेटा विश्लेषण और प्रौद्योगिकी पर काम करने का है. ये आने वाले भविष्य में पारंपरिक चिकित्सा में डेटा और प्रौद्योगिकी के प्रवाह के लिए पर्याप्त होगा.
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सचिव कोटेचा ने डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के निर्माण पर पैनल चर्चा में भी हिस्सा लिया जिसका विषय था सामंजस्यपूर्ण और कुशल स्वास्थ्य-डेटा शासन ढांचे की ओर बढ़ना. उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य के इस महत्वपूर्ण पहलू के बारे में बात की जो लगातार बढ़ रहा है और पारंपरिक चिकित्सा सहित स्वास्थ्य सेवा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग सर्वव्यापी होता जा रहा है.
कोटेचा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में इनके सुरक्षित, प्रभावी उपयोग के लिए बेंचमार्क, दिशानिर्देशों और नीतियों के विकास के साथ तालमेल बैठाने की जरूरत है. पारंपरिक चिकित्सा में एआई की बेंचमार्किंग और विश्व स्वास्थ्य संगठन व अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ जैसे संयुक्त राष्ट्र निकायों के मार्गदर्शन और समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा पर एक विषय समूह का नेतृत्व कर रहा है जो कि स्वास्थ्य के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस ग्रुप (एफजी-एआई4एच) का हिस्सा है.
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Tags: Artificial Intelligence, Ayushman Bharat, Health News
FIRST PUBLISHED : April 22, 2023, 19:45 IST
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