Home World अब छटपटा उठेगा ड्रैगन! अमेरिकी सीनेट में कही गई चीन के कलेजे पर सांप लोटने वाली बात, भारत है वजह

अब छटपटा उठेगा ड्रैगन! अमेरिकी सीनेट में कही गई चीन के कलेजे पर सांप लोटने वाली बात, भारत है वजह

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अब छटपटा उठेगा ड्रैगन! अमेरिकी सीनेट में कही गई चीन के कलेजे पर सांप लोटने वाली बात, भारत है वजह

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वॉशिंगटन: अमेरिका के दो सांसदों (US Senators Jeff Merkley and Bill Hagerty) ने अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे (Arunachal Pradesh) पर भारत का समर्थन करते हुए अपने देश की संसद में द्विदलीय विधेयक पेश किया है. इस विधेयक में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया गया है. यह विधेयक ओरेगॉन से सांसद जेफ मर्कले और बिल हैगर्टी ने पेश किया है. चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है. एलएसी (India-China Face Off on LAC) पर हाल के वर्षों में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुईं कुछ झड़पों के चलते चीन और भारत के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा कि वॉशिंगटन डीसी पूरी दुनिया में स्वतंत्रता और कानून आधारित पद्धति का समर्थन करता है. यह प्रस्ताव साफ कर देता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है, ना कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का.

इस द्विदलीय विधेयक में अमेरिकी सरकार से सहयोगी देशों के साथ संबंध और मजबूत करने के लिए कहा गया है और चीन की आक्रामकता की आलोचना की गई है.  जेफ मर्कले अमेरिकी संसद के ‘कांग्रेसनल एग्जीक्यूटिव कमीशन ऑन चाइना’ के सह अध्यक्ष हैं. उन्होंने खुद एक प्रेस बयान में इस विधेयक के बारे में जानकारी दी. सीनेटर बिल हैगर्टी ने अपने बयान में कहा, ‘ऐसे समय में जब चीन खुले एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, अमेरिका के लिए क्षेत्र में हमारे रणनीतिक साझेदारों खासकर भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह द्विदलीय प्रस्ताव अरुणाचल प्रदेश राज्य को स्पष्ट रूप से भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीन की सैन्य आक्रामकता की निंदा करने और मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के समर्थन में अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और क्वाड को और बढ़ाने के लिए सीनेट का समर्थन व्यक्त करता है.’

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प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मैकमोहन रेखा को चीन और भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देता है, और अरुणाचल प्रदेश पर बीजिंग के दावे को खारिज करता है, जो चीन की आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों का एक हिस्सा है. सीनेटरों के प्रस्ताव में चीन के उकसावों की निंदा की गई है, जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए सैन्य बल का उपयोग, विवादित क्षेत्रों में गांवों का निर्माण, भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में शहरों और फीचर के लिए मंदारिन भाषा के नामों के साथ नक्शे का प्रकाशन और भूटान के क्षेत्रों को अपना बताकर अपनी विस्तारवादी नीति को बढ़ाना शामिल है. इसके अलावा, विधेयक में चीन की आक्रामकता और सुरक्षा खतरों के खिलाफ खुद की रक्षा के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई है.

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इनमें चीन से लगी सीमा पर भारत द्वारा अपने दूरसंचार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना; दूरसंचार से संबंधित उपकरणों की खरीद प्रक्रियाओं और आपूर्ति श्रृंखलाओं की जांच करना; निवेश स्क्रीनिंग मानकों को लागू करना; और सार्वजनिक स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों में ताइवान के साथ अपने सहयोग का विस्तार करना शामिल है. अमेरिकी सांसदों का यह प्रस्ताव रक्षा, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, व्यापार और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने का काम करता है. साथ ही क्वाड, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के माध्यम से भारत के साथ अमेरिका के बहुपक्षीय सहयोग कोबढ़ावा देता है. यह प्रस्ताव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पहली बार है जब अमेरिकी सीनेट में अरुणाचल प्रदेश और एलएसी पर चीनी आक्रामकता की आलोचना और भारत के स्टैंड की सराहना की गई है.

Tags: America, Arunachal Pradesh News, China, Line of Actual Control

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