Last Updated:
Brain Angiography in IGIMS Patna: पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में अब ब्रेन की सर्जरी के क्षेत्र में एक नई और अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत हुई है. बीते दिनों, न्यूरो सर्जरी विभाग ने इस विश…और पढ़ें
ब्रेन एंजियोग्राफी सर्जरी
हाइलाइट्स
- IGIMS पटना में बिना ब्रेन खोले सर्जरी की सुविधा शुरू हुई.
- आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए सर्जरी मुफ्त होगी.
- डीएसए मशीन से सर्जरी अधिक सुरक्षित और सटीक होगी.
पटना. दिमाग में नस से जुड़ी बीमारी के लिए अब ब्रेन खोलकर सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बिहार में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में बेहद सस्ते दामों में बिना ब्रेन खोले भी सर्जरी संभव है. सबसे बड़ी बात यह है कि आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यह सर्जरी पूरी तरह से फ्री है. प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में बेहद कम खर्च में यह सर्जरी संभव है.
दरअसल, पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में अब ब्रेन की सर्जरी के क्षेत्र में एक नई और अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत हुई है. बीते दिनों, न्यूरो सर्जरी विभाग ने इस विशेष सुविधा की शुरुआत की. अब मरीजों के ब्रेन की खून की फटी नलियों की सर्जरी बिना ब्रेन खोले भी की जा सकेगी.
कैसे होती है यह सर्जरी?
इस नई शुरुआत के बारे में बताते हुए आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि वैसे मरीज जिनके दिमाग के अंदर ब्लीडिंग होती थी, खून की धामियां गड़बड़ा जाती थी या फट जाती थी, ऐसे मामलों में पहले ब्रेन को खोल कर खून की नालियों को ठीक किया जाता था. इसमें 50 फीसदी मरीज लकवाग्रस्त हो जाते थे या बेहोश रहते थे या फिर वेंटिलेटर पर रहते थे. इस मामले में मरीजों को काफी दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था. लेकिन, अब आधुनिक तकनीक के जरिए शरीर के गर्दन या किसी दूसरे हिस्से से एक बेहद बारीक तार को ब्रेन की खून की नली तक पहुंचाया जाएगा. यह प्रक्रिया पूरी तरह मशीन की निगरानी में होगी और डॉक्टर स्क्रीन पर देख कर खून की फटी नली को बंद कर सकेंगे. यह तकनीक न केवल सुरक्षित है बल्कि रिकवरी में भी तेजी आयेगी. यह मरीजों के लिए बेहद अच्छी खबर है.
डीएसए मशीन ने काम बना दिया आसान
उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में अस्पताल को एक आधुनिक डीएसए (Digital Subtraction Angiography) मशीन उपलब्ध कराई गई है. यह मशीन ब्रेन का पूरा हिस्सा एक साथ दिखाने में सक्षम है. पहले की मशीन सिर्फ आधा हिस्सा ही दिखा पाती थी. इस वजह से सर्जरी में दिक्कत होती थी, लेकिन अब यही काम ज्यादा सुरक्षित और सटीक किया जा सकता है.
एक से डेढ़ लाख में हो जाएगी यह सर्जरी
आपको बता दें कि फिलहाल बिहार के किसी भी सरकारी अस्पताल में ब्रेन एंजियोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं है. प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए चार से पांच लाख रुपये तक की फीस लगती है. लेकिन, पटना के आईजीआईएमएस में इस तकनीक से सर्जरी मात्र एक से डेढ़ लाख रुपये में की जा सकेगी. यानी करीब एक चौथाई कम खर्च होगा. इसके अलावा, आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों को यह सुविधा पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी.