Monday, September 2, 2024
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अब मेरठ में कुत्ते के काटने से बच्चे की तड़प-तड़प कर मौत, रक्षाबंधन पर कुत्तों ने किया था हमला


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मेरठ में ब्रह्मपुरी थानाक्षेत्र में सूर्या पैलेस कॉलोनी निवासी एक बच्चे की कुत्ते के काटने से मौत हो गई। रक्षाबंधन पर कॉलोनी में ही कुत्ते ने बच्चे को काट लिया था। इसके बाद परिजनों ने बच्चे के एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं लगवाए थे। कुछ दिनों से बच्चे की हालत लगातार बिगड़ने लगी और रविवार देररात बच्चे की घर पर ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई। परिजनों ने ब्रजघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। इससे पहले नोएडा में भी ऐसा ही मामला पिछले दिनों सामने आया था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। पिता की गोद में ही बेटे ने तड़प तड़प कर जान दे दी थी। 

दिल्ली रोड स्थित सूर्या पैलेस कॉलोनी निवासी धन्नू के बेटे दुष्यंत (11) को रक्षाबंधन पर कॉलोनी में एक कुत्ते ने काट लिया था। परिजनों ने बच्चे को टिटनेस का इंजेक्शन लगवा दिया था, लेकिन रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगवाया था। इस घटना के कुछ दिन बाद ही कुत्ते की मौत हो गई थी। पिछले कुछ दिनों से दुष्यंत की भी हालत बिगड़ने लगी थी। बच्चे को जिला अस्पताल में दिखाया गया और यहां से दिल्ली ले गए। वहां उपचार कराया लेकिन दुष्यंत की हालत में सुधार नहीं हुआ। बच्चे को एम्स में भी दिखाया लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। इसके बाद परिजन बच्चे को मेरठ ले आए और स्थानीय स्तर पर उपचार शुरू कराया। रविवार रात करीब दो बजे दुष्यंत की मौत हो गई। सुबह परिजन शव लेकर ब्रजघाट पहुंचे और अंतिम संस्कार कर दिया। 

परिवार में कोहराम, स्कूल में शोक 

दुष्यंत, कॉलोनी में ही एपीएस गार्डन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता था। दुष्यंत की मौत की जानकारी के बाद स्कूल में शोक व्याप्त हो गया। स्कूल से कुछ लोग बच्चे के घर भी पहुंचे। वहीं, दुष्यंत की मौत के बाद उसकी मां संगीता का रो रोकर बुरा हाल है। परिवार में दुष्यंत के तीन भाई ऋतिक, चीनू और नितिश हैं। 

लापरवाही बन गई जानलेवा 

बच्चे को कुत्ते ने काटा तो परिजनों ने उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगवाया। दुष्यंत की हालत बिगड़नी शुरू हुई तो परिजनों को गलती का पता चला। बातचीत में परिजनों ने बताया कि वह कुछ लोगों की बातों में आ गए थे, जिन्होंने कहा कि कुत्ते के काटने से कुछ नहीं होगा और सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन ही काफी है। 

दो दिन से कमरे में रखते थे बंद

दो दिन से बच्चे की हालत ज्यादा खराब हो गई थी। हर अस्पताल और हर डॉक्टर ने जवाब दे दिया था। बच्चे को एक कमरे में बंद रखा जाने लगा। उसे सिर्फ खाना और दवाएं दी जा रही थी और इसके बाद कमरा बंद कर दिया जाता था। दुष्यंत की हालत ऐसी हो गई थी कि वह न तो खाना खा रहा था और न ही उसकी हालत में सुधार हो रहा था।



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