हाइलाइट्स
यह इंजेक्शन ब्लड वैसल्स को पतला करने वाले एंजियोटेंसिन के प्रोडक्शन को रोक देता है.
इंजेक्शन लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है
New Revolutionary Injection for High BP: डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में 1.28 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं. इनमें से 70 करोड़ लोगों को पता भी नहीं कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है. जब किसी अन्य परेशानियों में वे डॉक्टर के पास जाते हैं या लक्षण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तब पता चलता है कि उन्हें हाइपरटेंशन हैं. लेकिन इससे पहले हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डिएक अरेस्ट जैसी हार्ट से संबंधित घातक जटिलताओं से गुजरना पड़ सकता है. हाई बीपी की दवा से इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन यह रोजाना खाना होता है. पर अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इंजेक्शन तैयार किया है जो करोड़ों लोगों की हाई बीपी की समस्या से मुक्ति दिला सकता है. दिलचस्प बात यह है कि इस इंजेक्शन को साल में दो ही बार लगाने की जरूरत पड़ेगी.
लाखों लोगों के लिए वरदान
ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी की वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह इंजेक्शन उन लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है जिन्हें लगातार हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझना पड़ता है और उन्हें हर रोज टैबलेट खाना पड़ता है. इंजेक्शन लगा लेने के बाद रोजाना टैबलेट खाने की जरूरत नहीं होगी. इस इंजेक्शन का नाम जिलेबेसिरन (zilebesiran) है. इसे हर छह महीने में लगाने की जरूरत होगी. शोधकर्ताओं ने हाई ब्लड प्रेशर के शिकार 100 से अधिक लोगों पर इस इंजेक्शन का ट्रायल किया जो बेहद सफल रहा है.
क्लिनकल ट्रायल में सफल
क्लिनकल ट्रायल में हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे 80 लोगों जिलेबेसिरन इंजेक्शन लगाया गया जबकि 30 लोगों को प्लेसिबो (नकली इंजेक्शन) दिया गया. जिन लोगों को असली इंजेक्शन दिया गया, उनमें 6 महीने तक बीपी एकदम नीचे आ गया. इन लोगों का 6 महीने तक बीपी नॉर्मल रहा. ट्रायल में पाया गया कि बीपी की 200 एमजी की दवा खाने के बाद जितना बीपी नीचे आता है उससे कहीं ज्यादा बीपी इस इंजेक्शन के लगाने के बाद नीचे आ गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि यह इंजेक्शन एंजियोटेंसिन के प्रोडक्शन को रोक देता है. एंजियोटेंसिन प्रोटीन हार्मोन है जिसके कारण ब्लड वैसल्स पतली हो जाती है और इस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रारंभिक ट्रायल में अपेक्षित परिणाम सामने आया है. अब हमें इस बात पर अध्ययन की जरूरत है कि इस इंजेक्शन को 3 महीने में लगाया जाए या 6 महीने में.
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FIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 16:44 IST