महाराष्ट्र में बहुप्रतिक्षित कैबिनेट विस्तार को लेकर खबरें सामने आने लगी है। मीडिया रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि शीतकालीन सत्र के बाद इसे अंजाम दिया जा सकता है। दिल्ली में बुधवार को अमिता शाह के साथ देर रात तक चली बैठक में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई। संभावित मंत्रियों के नाम पर काफी देर तक मंथन हुआ। इसके बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया। इस बैठक में शाह के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रा एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल थे।
न्यूज18 लोकमत ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से शिंदे कैबिनेट के विस्तार की जानकारी दी है। आपको बता दें कि बीते कई महीनों से इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। आपको यह भी बता दें कि शिंदे और फडणवीस के सीएम और डिप्टी सीएम बनने के बाद काफी दिनों तक कैबिनेट विस्तार के लिए इंतजार करना पड़ा था।
शीतकालीन सत्र से पहले से इस बात की चर्चा चल रही है कि शिंदे-फडणवीस सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी। लेकिन अब सत्र से पहले इसके विस्तार की संभावना नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सत्र के लिए अपने अतिरिक्त विभागों का प्रभार अन्य मंत्रियों को सौंपा है। लिहाजा अब यह लगभग तय है कि मंत्रिमंडल का विस्तार सत्र के बाद ही होगा। सूत्रों से भी यही जानकारी सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट विस्तार को लेकर बुधवार देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक में तय हुआ कि शीतकालीन सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा।
मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्षा का आरोप है कि शिंदे गुट का हर विधायक मंत्री पद चाहता है। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि अगर उम्मीदें पूरी नहीं हुईं तो ये विधायक टूट जाएंगे। इसी डर के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने भी इस मुद्दे पर शिंदे और फडणवीस सरकार पर निशाना साधा।