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रूस की नौसेना के पास दुनिया में सबसे विविध पनडुब्बी बेड़े में से एक की कमान है। कुछ परमाणु हथियारों के साथ बैलिस्टिक मिसाइल ले जाने में भी सक्षम हैं। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से रूस अपने पनडुब्बी बेड़े को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। खासकर पिछले कई साल में, रूस ने पनडुब्बियों की एक ऐसी सीरीज का निर्माण किया है जो अमेरिका और यूरोप तक पहुंचने की क्षमता रखती हैं।
‘अमेरिका और यूरोप के पास रूसी पनडुब्बियां’
दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि उनका देश और परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का निर्माण करेगा, ‘जो आने वाले कई दशकों के लिए रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।’ रूस मैरीटाइम स्टडीज इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल पीटरसन, जो दुनिया के महासागरों से जुड़े रूस के सैन्य और आर्थिक मुद्दों पर शोध करते हैं, ने न्यूजवीक के बताया, ‘ऐसे संकेत हैं कि ‘परमाणु शक्ति वाली पनडुब्बियां अमेरिकी तटों, भूमध्यसागरीय और यूरोप के पास तैनात की जा रही हैं।’
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अमेरिका के लिए खतरा है रूस!
उन्होंने कहा कि उनकी तैनाती ‘शीत युद्ध के दौरान सोवियत पनडुब्बियों की तैनाती’ की याद दिलाती हैं। पिछले अक्टूबर में, अमेरिकी वायु सेना के जनरल ग्लेन वैनहर्क ने अमेरिकी तटों से दूर परमाणु-संचालित Severodvinsk-क्लास की पनडुब्बियों की बढ़ती मौजूदगी के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने रूस को वर्तमान में देश के लिए प्राथमिक खतरा बताया। रूसी पनडुब्बियों की पानी के नीचे की गतिविधियों का सटीक पैमाना अज्ञात है लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि पिछले 20 साल में इसमें स्पष्ट रूप से वृद्धि हुई है।
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