अयोध्या में सरयू नदी पर बनाए गए सरयू रिवर फ्रंट की तर्ज पर गोरखपुर में भी राप्ती नदी पर रिवर फ्रंट का निर्माण कराया जाएगा। जहां सरयू रिवर फ्रंट की लंबाई छह किलोमीटर है वहीं गोरखपुर में बनने वाले राप्ती रिवर फ्रंट की लंबाई तीन किलोमीटर होगी। इस रिवर फ्रंट से गोरखपुर को पर्यटन की दृष्टि से एक नई पहचान मिलेगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राप्ती नदी के दोनों तरफ तीन किलोमीटर लंबे लाल पत्थरों से घाट बनाया जाएगा। श्रीगोरक्षक और श्रीराम घाटों का भी निर्माण होगा। श्रीगोरक्षकघाट से डोमिनगढ़ तक घाट के निर्माण के साथ शहर क्षेत्र को सुरक्षा भी मिलेगी। नगर निगम इसके लिए जल्द ही सलाहकार का चयन करेगा ताकि प्रारंभिक स्तर पर विस्त़त प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा सके। वहीं सरकार नदियों में गिरने वाले नालोंके सीवेज को ट्रीट करने के लिए पहले ही एसटीपी निर्माण के लिए परियोजनाओं का शिलान्यास कर चुकी है।
गोरखपुर में रिवर फ्रंट पर घाटों का निर्माण साल 1998 में आई राप्ती नदी में बाढ़ को ध्यान में रखकर कराया जाएगा। इन घाटों पर वाराणसी की तर्ज पर सुबह-शाम योग और संगीत के कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा शाम के समय संध्या आरती भी होगी।
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पर्यटकों के लिए होगा खास
राज्य सरकार के इस कदम से राप्ती नदी और गोरखपुर आने वाले पर्यटकों के लिए खास होगा। इन घाटों पर बोटिंग और फूट कोर्ट समेत कई अन्य मनोरंजक परियोजनाओं के शुरू होने से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि राप्ती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट और घाट निर्माण के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव मांगा गया है। नदी के दोनों किनारों पर पक्के घाट का दायरा और बढ़ाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही कंसलटेंट की नियुक्त की जाएगी।