Home National अयोध्या के घर-घर में विराजे प्रभु राम, उत्सव का माहौल, स्वागत में सजी हर राह

अयोध्या के घर-घर में विराजे प्रभु राम, उत्सव का माहौल, स्वागत में सजी हर राह

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अयोध्या के घर-घर में विराजे प्रभु राम, उत्सव का माहौल, स्वागत में सजी हर राह

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अयोध्या का उत्सव निराला है। हर व्यक्ति रामलला के आगमन को लेकर उत्साहित है। आज समारोह के बाद अयोध्या के हर घर में राजा राम विराजमान हो गए हैं। अयोध्या के घरों में उत्सव जैसा माहौल है। घरों में पकवान बना रहे हैं। भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप लोगों को वितरित किया जा रहा है। बड़ी देवकाली मंदिर के इतिहास का प्रमाण है कि यह क्षेत्र बहुत ही ऐतिहासिक है। दिन में तीन बजे के बाद इस क्षेत्र में लोग राम धुन में मस्त दिखे। बड़ी देवकाली के पास रहने वाले रामानुज व उनकी पत्नी आरती देवी ने बताया कि उनके घर उत्सव जैसा माहौल है। 

बताया कि उनके पूर्वज राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चाय बेचने वाली आरती देवी ने बताया कि कार सेवा में उनके परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उत्साहित आरती रामभक्तों को निशुल्क चाय पिला रही हैें। इस बीच एक धुन बजती है बच्चा-बच्चा राम का। इस पर वह काम छोड़कर थिरकने लगती है। कहती है राम आए हैं। थोड़ा आगे बढ़े तो वजीरगंज में भक्तों का रेला दिखा। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे बड़ा उत्सव उनके लिए कुछ नहीं हो सकता।

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राम के स्वागत में हर राह सजी

सुल्तानपुर से अयोध्या की ओर आने वाली सड़क एयरपोर्ट को भी जोड़ रही थी। ऐसे में इस सड़क पर सुरक्षा के इंतजाम बेहद सख्त थे। एयरपोर्ट तिराहे से 100 मीटर आगे पुलिस चेक पोस्ट बनाया गया था, जहां से रामभक्तों को वापस लौटाया जा रहा था। अंडरपास से लेकर एयरपोर्ट तक किनारों पर सड़क के दोनों ओर बैरिकेडिंग की गई थी। इसके साथ ही फूलों और पौधों के गमले लगाए गए थे। एहतियात के तौर पर सभी दुकानें बंद थीं। स्थानीय लोग अपने घरों की छतों पर चढ़कर कार्यक्रम में आ रहे विशिष्टजनों की एक झलक पाने के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे। रास्ते में ही संस्कृति विभाग द्वारा संगीतमय प्रस्तुतियां दी जा रही थीं।

रामहित यादव और साथी गा रहे थे-‘परब बड़ा भारी आज अवध में।’ इस रास्ते में जहां पर मकान और दुकान नहीं बने हुए थे वहां पर हरे रंग की कपड़े की जाली लगाई गई थी। कार्यक्रम का समापन होने के बाद माहौल बदला जरूर लेकिन अतिथियों के मार्ग से गुजरने तक सुरक्षा जस की तस रही। रायबरेली-अयोध्या मार्ग पर भी नजारा लगभग यही था। बस वहां सुरक्षा के इंतजाम थोड़ा कम थे।

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