Home National अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले अरणि मंथन से 19 को होगा यज्ञकुंड में अग्नि देव का प्राकट्य

अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले अरणि मंथन से 19 को होगा यज्ञकुंड में अग्नि देव का प्राकट्य

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अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले अरणि मंथन से 19 को होगा यज्ञकुंड में अग्नि देव का प्राकट्य

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श्रीरामजन्म भूमि परिसर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम दौर में है। श्रीरामजन्म भूमि परिसर में यज्ञमंडप के साथ हवन कुंड का भी निर्माण पूरा हो गया है। यहां अलग-अलग नौ प्रकार की वेदियां बनाई गयी है जिसमें मध्य वेदी कमल दल के स्वरूप में है। इस वेदी को पद्मिनी वेदी कहा गया। बताया गया कि इसी वेदी में भगवान रामलला के रजत विग्रह को रखकर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपादित किया जाएगा।

यहां यज्ञमंडप समेत हवन कुंडों के निर्माण के लिए प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले काशी के मूर्धन्य ज्योतिषाचार्य पं गणेश्वर शास्त्री द्रविड पहले आकर स्थान चिह्नित किया था। उन्होंने यहां निर्माण के सम्बन्ध में दिशा निर्देश भी दिया था। उनके ही दिशा निर्देशन में। यह निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इसके लिए प्रतिष्ठाचार्य पं लक्ष्मीकांत दीक्षित के तीन पुत्रों अरुण दीक्षित व सुनील दीक्षित  के अलावा गजानन जोधकर सहित आधा दर्जन आचार्य एक सप्ताह से डेरा डाले हुए हैं। आचार्य गजानन जोधकर ने कारसेवकपुरम में हिन्दुस्तान से भेंट में जानकारी दी कि यहां बनाए गये हवन कुंड में दो चतुरस्र कुंड के अतिरिक्त योनि कुंड, त्रिकोण कुंड, षडस्र कुंड, अष्टास्र कुंड, अर्धचंद्र कुंड, पद्म कुंड व वृत्त कुंड नामक नौ कुंड का निर्माण पूरा हो गया है।

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गणपति पूजन के साथ 18 जनवरी से विधिवत अनुष्ठान का होगा श्रीगणेश

आचार्य जोधकर ने बताया कि इस यज्ञमंडप में अग्नि देव का प्राकट्य अरणि मंथन से 19 जनवरी को होगा और इसके साथ होम आदि अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि यज्ञमंडप में षोडश स्तम्भों के अलावा चार द्वार हैं। यह चार द्वार चतुर्वेद के प्रतीक हैं। इनमें पूरब द्वार ऋग्वेद, दक्षिण द्वार यजुर्वेद, पश्चिम द्वार सामवेद व उत्तर द्वार अथर्ववेद का प्रतीक माना गया है। उन्होंने बताया कि इन द्वारों पर द्वार सूक्त का पारायण भी 19 जनवरी को ही होगा और इस दिन वास्तु शांति के लिए भी पूजन किया जाएगा। इसके साथ तोरण द्वार भी बनेंगे। गणपति पूजन के साथ विधिवत अनुष्ठान का शुभारम्भ 18 जनवरी को हो जाएगा।

आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड के साथ पहुंचे तीर्थ क्षेत्र कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव

उधर यहां चल रही प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड के साथ श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव यहां पहुंच गये है। उन्होंने वैदिक आचार्यों के साथ बैठक कर तैयारियों की जानकारी ली। बताया गया कि अब दोनों आचार्य गण यहां प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान तक प्रवास करेंगे। यह भी बताया गया कि प्रतिष्ठाचार्य पं लक्ष्मीकांत दीक्षित यहां मंगलवार को आएंगे। उधर आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि यज्ञमंडप में 18 कलश स्थापित किए जाएंगे। इनमें दस कलश दस दिग्पालों के लिए होंगे। वहीं चार द्वार पर चार अलग कलश एवं ब्रह्मा एवं अनंत के लिए भी कलश स्थापना की जाएगी।

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