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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय 22 जनवरी को जिस तरह पूरा देश राममय हुआ वैसा ही दृश्य फिर देखने के लिए तैयार हो जाइए। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र व संघ परिवार ने इस योजना पर अमल के लिए कार्य योजना तय कर ली है। इस योजना के अनुसार देश के लाखों गांवों में मंदिर-मंदिर राम नवमी के अवसर पर भगवान राम का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। इसका संकेत अयोध्या में सोमवार को तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि ने दिया।
महंत गोविंद गिरि अयोध्या में अखिल भारतीय माहेश्वरी समाज की ओर से आयोजित माहेश्वरी सदन के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने आए थे। उन्होंने राम नवमी उत्सव की तैयारियों के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि इस बार राम नवमी पारम्परिक उत्सव से 50 गुना वृहद होगी। इस आयोजन को किस तरह सफलतापूर्वक कर सकेंगे, इस विषय पर मंथन चल रहा है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से ही बीते 50 दिनों में औसतन दो लाख श्रद्धालुओं के लिहाज से यहां एक करोड़ दर्शनार्थी आ चुके हैं। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अनुमान है कि बोर्ड की परीक्षाओं की समाप्ति के बाद गर्मी की छुट्टियों में यह भीड़ बढ़ेगी। वैष्णव नगरी अयोध्या में रामनवमी से बड़ा पर्व दूसरा कोई है नहीं। इस अनुमान के अनुसार राम नवमी के पर्व पर यहां 50 लाख श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना और उनके सुविधाओं का प्रबंध फिलहाल संभव नहीं है। इस हालत में अप्रिय स्थिति भी बन सकती है। इसके कारण श्रद्बालुओ की भारी भीड़ को यथा स्थान पर कार्यक्रम के जरिए रोकना है।
लोकसभा चुनाव के दौर में वातावरण का भी होगा निर्माण
दूसरा यह कि वासंतिक नवरात्र के अंतिम पर्व पर 17 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी। यह वह अवसर है जबकि पूरे में लोकसभा के आम चुनाव की बयार बह रही होगी। उस समय हिन्दुत्व के पक्ष में वातावरण का निर्माण करना भी सहज होगा। संघ परिवार व विहिप समेत आनुषांगिक संगठनों ने लोकसभा चुनाव के दौरान शत-प्रतिशत मतदान की मुहिम भी तय की है। भगवान राम के प्राकट्योत्सव का आयोजन मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने की भी गारंटी है। संघ परिवार के शीर्ष नेतृत्व का निर्देश है कि संगठन की ओर से किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी का नाम नहीं लिया जाएगा बल्कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने की मुहिम को सामाजिक आंदोलन का स्वरूप दिया जाए जो राष्ट्र वाद के समर्थकों की सरकार बनाने में मददगार हो।
मार्च 2025 में तैयार हो जाएगा राम मंदिर का परकोटा
अयोध्या। राम मंदिर के चारो ओर आयताकार परकोटे का निर्माण की समयसीमा मार्च 2025 तय कर दी गयी है। आठ एकड़ क्षेत्रफल में निर्माणाधीन इस परकोटे के ही जरिए राम मंदिर की परिक्रमा आम श्रद्धालु कर सकेंगे। इस परिक्रमा के दौरान छह देवी -देवताओं के मंदिरों का भी उन्हें दर्शन सुलभ होगा। यह मंदिर भगवान सूर्य नारायण, हनुमान जी, भगवान शिव, माता दुर्गा, माता अन्नपूर्णा एवं भगवान गणेश के होंगे। इन सभी मंदिरों का निर्माण भी परकोटे के साथ पूरा हो जाएगा।
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र बताते हैं कि परकोटे के मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण हो चुका है। इसी प्रवेश द्वार से दर्शनार्थी गण रामलला के दर्शन के लिए जा रहे हैं। इसके अलावा परकोटे के दक्षिण व उत्तर में बेसमेंट का काम चल रहा है जो कि करीब 70 प्रतिशत पूरा हो गया है। वह बताते हैं कि 850 मीटर परकोटे में क्रमवार निर्धारित 11 स्थानों पर काम चल रहा है। इनके लिए आठ हजार घन फुट तराशे गये पत्थरों की जरूरत है जिसमें साढ़े चार हजार घन फुट पत्थरों को तराशा जा चुका है। यह सभी तराशे गये पत्थर राजस्थान की कार्यशाला से यहां लाए भी जा चुके हैं और साढ़े तीन हजार घन फुट पत्थरों की तराशी का काम भी शुरू हो गया है।