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Ayodhya Ram Mandir :अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तैयारियां तेज हैं। प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा। प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्लानिंग की जा रही है कि देश के सभी राज्यों के राम भक्तों को रामलला का दर्शन कराया जाए। इसके लिए दर्शन अभियान चलाने की तैयारी है।। देश के सभी राज्यों के भक्तों को तिथिवार दर्शन कराने पर मंथन चल रहा है। यही नहीं राज्यों के श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन के लिए अलग-अलग तिथि पर बुलाया जाएगा। विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी तिथिवार दर्शन कराने की योजना है। इसके अलावा यहां आने वाले देश के विभिन्न प्रदेशों की अलग-अलग बोली बोलने वाले भक्तों को भाषाई समस्या नहीं होने पाएगी। उन्हें यहां भाषा मित्रों का साथ मिलेगा।
आमंत्रण के लिए 45 दिवसीय मेगा ड्राइव
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में भाग लेने के लिए हर गांव, कस्बे और शहर के लोगों को आमंत्रित करने के लिए 4 नवंबर से 45 दिवसीय मेगा ड्राइव चलाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने वाराणसी में आरएसएस काशी क्षेत्र और आरएसएस की 35 शाखाओं के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की और 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सफल बनाने की रणनीति बनाई। ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विस्तृत कार्ययोजना की घोषणा की गयी। उन्होंने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने का आह्वान किया।
वीहिप के 200 से अधिक कार्यकर्ता चार नवंबर को अयोध्या पहुंचेंगे
मेगा ड्राइव के बारे में जानकारी साझा करते हुए चंपत राय ने कहा कि यह मेगा अभियान चरणबद्ध ढंग से चलेगा। विश्व हिंदू परिषद के 200 से अधिक कार्यकर्ता चार नवंबर को अयोध्या पहुंचेंगे। पांच नवंबर को, वे अयोध्या से अक्षत (अभिमंत्रित चावल) से भरे पीतल के कलश इकट्ठा करेंगे और इन अक्षत (अभिषेकित) को देश भर के सभी मंदिरों में पहुंचाएंगे। ये पवित्र अक्षत ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण का प्रतीक होंगे। वे इस काम को 5 नवंबर से दिसंबर के आखिरी हफ्ते के बीच पूरा कर लेंगे।
अपने-अपने गांव-मोहल्लों के मंदिरों में जुटेंगे
चंपत राय ने कहा, 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक कार्यकर्ता पूजित अक्षत के साथ हर गांव, मोहल्ले और बस्ती में जाएंगे और सभी को 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचने का औपचारिक निमंत्रण देंगे। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के दिन कार्यकर्ता अपने-अपने गांव-मोहल्लों के मंदिरों में जुटेंगे। भजन कीर्तन के कार्यक्रम होंगे और शाम को लोग अपने दरवाजे पर दीपक जलाएंगे। 22 जनवरी को 5 करोड़ घरों में दीपक जलाए जाएंगे।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक देशभर के 140 संप्रदायों के साधु-संत आएंगे
22 जनवरी को केवल कश्मीर से कन्याकुमारी तक देशभर के 140 संप्रदायों के साधु-संत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख सरसंघचालक मोहन भागवत जी, रामजन्मभूमि आंदोलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन और विशेष योगदान देने वाले समाज के प्रतिष्ठित नागरिक विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां अयोध्या में मौजूद रहेंगी। 8000 लोगों की सीमित क्षमता के कारण कार्यकर्ताओं को 22 जनवरी को अयोध्या न आकर अपने-अपने क्षेत्र के कार्यक्रमों में भाग लेने का निर्देश दिया गया है। चंपत राय ने कार्यकर्ताओं को अलग-अलग तारीखों पर अयोध्या पहुंचने का निमंत्रण दिया। उन्होंने अयोध्या पहुंचने वाले श्रमिकों के लिए रहने और भोजन आदि की उचित व्यवस्था का भी आश्वासन दिया। अयोध्या में प्रतिदिन 25,000 कार्यकर्ताओं के रहने और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। काशी क्षेत्र से कार्यकर्ता 30 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। इसी तरह अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग तारीखें होंगी। 45 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में अयोध्या में 50 लाख लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की जाएगी।
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