Monday, July 8, 2024
Google search engine
HomeTech & Gadgetअलर्ट: 17 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा लीक, ₹2000 में बिक रहा...

अलर्ट: 17 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा लीक, ₹2000 में बिक रहा 50 हजार लोगों का डेटा


वॉट्सऐप-फेसबुक के यूजर्स समेत करोड़ों भारतीय यूजर्स पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, गुरुवार, 23 मार्च को हैदराबाद, तेलंगाना में साइबराबाद पुलिस द्वारा एक बड़े डेटा ब्रीच की सूचना दी गई है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी गंभीर खतरा हो सकता है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 16.8 करोड़ भारतीय नागरिकों का पर्सनल डेटा इकट्ठा कर मामूली कीमत में बेचा रजा रहा था। डराने वाली बात यह है कि इसमें रक्षा कर्मियों का पर्सनल डेटा भी शामिल है। इतना ही नहीं, करोड़ों वॉट्सऐप और फेसबुक यूजर्स का डेटा भी इस डेटा ब्रीच में शामिल है। डिटेल में जानिए

वॉट्सऐप यूजर्स और सैनिक तक प्रभावित

पीटीआई के अनुसार, इस बड़े डेटा ब्रीच में लगभग 17 करोड़ लोगों की महत्वपूर्ण पर्सनल डिटेल शामिल हैं। कथित तौर पर अपराध के पीछे साइबर अपराधियों द्वारा बेची गई जानकारियों में फोन नंबर, पैन कार्ड नंबर, गैस और पेट्रोलियम लाइन्स जैसी सर्विस की रजिस्ट्रेशन डिटेल, डीमैट अकाउंट्स की डिटेल, हाई नेटवर्थ वाले व्यक्तियों की बैंक डिटेल, लोन और क्रेडिट कार्ड्स के लिए आवेदन करने वालों का डेटाबेस, प्राइवेट बैंकों के डेबिट कार्ड होल्डर्स की डिटेल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जैसे आईटी सर्विस फर्मों और फ़्रीक्वेंट फ़्लायर सर्विसेस के कर्मचारियों की पीआईआई डिटेल्स शामिल है।

इसके अलावा, 1.2 करोड़ वॉट्सऐप यूजर्स और 17 लाख से अधिक फेसबुक यूजर्स के पहचान डिटेल ऑनलाइन लीक हो गई हैं। इन डिटेल्स में अन्य जानकारियों के अलावा लॉगिन आईडी, इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस, निवास स्थान, उम्र, ईमेल एड्रेस और फोन नंबर शामिल हैं।

रक्षा कर्मियों के लिए, लीक हुई जानकारी, जो इस बड़े पैमाने पर डेटा ब्रीच का हिस्सा है, में 2.5 लाख से अधिक व्यक्तियों के रैंक और पदनाम, ईमेल एड्रेस और पोस्टिंग के नवीनतम स्थान शामिल हैं। अंत में, NEET एग्जाम के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की बायोग्राफी और जानकारी भी इस ब्रीच का हिस्सा थी।

वर्क फ्रोम होम स्कैम: पहले पैसे देकर भरोसा जीता, फिर हड़प लिए 9 लाख रुपये; पढ़ें और बचें

कानून प्रवर्तन ने क्या कहा

साइबराबाद के पुलिस कमिशनर एम स्टीफन रवींद्र द्वारा पीटीआई को दिए गए एक बयान के अनुसार, जांच अभी भी जारी है। हालांकि, राज्य में पुलिस बल एक कथित गिरोह के सात सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जो उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित तीन कॉल सेंटरों से संचालित होता था। अपराधियों ने 140 से अधिक श्रेणियों के डेटा बेचने की सूचना दी और उनके डेटा के लिए 100 से अधिक खरीदार थे।

50,000 यूजर्स का डेटा 2,000 रुपये में

पुलिस के मुताबिक, अपराधियों ने 50,000 यूजर्स तक के डेटाबेस को 2,000 रुपये में बेच दिया। रवींद्र ने पीटीआई से आगे पुष्टि की कि पुलिस टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में है और आगे की जांच के लिए उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। पुलिस ने पुष्टि की कि बड़े पैमाने पर हुआ यह डेटा ब्रीच कई लीक हुए डेटाबेस का एक समामेलन है।

इन 20 नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा, इंसानों की जगह ले सकता है ChatGPT, खुद चैटबॉट ने किया खुलासा

डेटा का गलत उपयोग कर सकते हैं हैकर्स

बड़े पैमाने पर डेटा ब्रीच में पीआईआई की एक विशाल टुकड़ी शामिल है, जिसे अन्य हैक और लीक के बीच ब्रीच किए गए पासवर्ड डेटाबेस के साथ आगे मिलान किया जा सकता है – जिसका उपयोग करके साइबर अपराधी ईमेल एड्रेस और सोशल मीडिया अकाउंट में सेंध लगा सकते हैं। यह जानकारी फिशिंग अटैक, नकल करने, ब्लैकमेल और अन्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए उपयोग की जा सकती है। इसके परिणाम और भी बदतर हो सकते हैं क्योंकि ब्रीच में बड़ी मात्रा में रक्षा कर्मियों का डेटा शामिल है।

 

 

(फोटो क्रेडिट-deccanherald)



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments