
[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
शरद पवार ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को असली एनसीपी के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है। इसे लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शरद पवार ने यह याचिका वकील अभिषेक जेबराज के जरिए सोमवार शाम को अपनी व्यक्तिगत हैसियत से दायर की। इससे पहले अजित पवार गुट ने वकील अभिकल्प प्रताप सिंह के जरिए कैविएट दायर की थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर शरद पवार समूह शीर्ष अदालत में जाता है तो उसके पक्ष में कोई एकतरफा आदेश पारित न किया जाए।
इलेक्शन कमीशन ने 6 फरवरी को घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। इस घोषणा से पार्टी संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका लगा। आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया। शरद पवार गुट ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व वाले समूह के लिए आयोग की ओर से ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ नाम दिया गया। इस पर प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा था कि ईसी का आदेश एससी के उस निर्देश के खिलाफ है जो विवाद की स्थिति में विधायक दल के बजाय राजनीतिक दल को महत्व देता है।
‘विधायक दल राजनीतिक दल के ऊपर नहीं’
शरद गुट के प्रवक्ता ने कहा था, ‘हम स्पष्ट रूप से उच्चतम न्यायालय जाएंगे। उच्चतम न्यायालय का एक निर्देश है जो कहता है कि विधायक दल को राजनीतिक दल के ऊपर नहीं चुना जा सकता है। इसलिए, अगर निर्णय SC के फैसले के खिलाफ गया है तो हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि हमें इस पर विश्वास है।’ मालूम हो कि अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे। उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
[ad_2]
Source link