Skin Donation and saving lives: स्किन डोनेशन या त्वचा दान एक नया टर्म है. जिसमें मृतक व्यक्ति शरीर के अंगों जैसे किडनी, हार्ट, कॉर्निया, हड्डियां, लिवर, लंग्स, आंत आदि की तरह ही अपने शरीर की स्किन को भी डोनेट कर सकता है. डोनेट की गई यह त्वचा स्किन बैंकों में प्रोसेस करके रखी जाती है और फिर गंभीर एक्सीडेंट या जलने के कारण क्षतिग्रस्त हुई स्किन वाले मरीजों को लगाई जाती है. बता दें कि मृतक व्यक्ति की पीठ, जांघें और पैरों से ये स्किन काटकर निकाली जाती है, ऐसे में आपके मन यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर किसी मृतक के इन अंगों से ली गई स्किन का इस्तेमाल किसी भी जले या एक्सीडेंट में घायल मरीज के चेहरे पर कैसे लगाया जा सकता है? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने पहुंच गए सफदरजंग अस्पताल में स्किन बैंक की हैड डॉ. सुजाता साराभाई के पास. डॉ. सुजाता साराभाई ने कई सवालों के सटीक जवाब दिए जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.
– मृतक किस अंग की स्किन डोनेट कर सकता है?
– स्किन व्यक्ति का सबसे बड़ा ऑर्गन है. यह पूरे शरीर पर फैली रहती है. यह कहीं से भी ली जा सकती है लेकिन आमतौर पर सिर्फ ऐसी जगहों से ही स्किन ली जाती है जो दिखाई न दें और मृतक के परिजनों को अंतिम समय में मरीज को देखकर खराब महसूस न हो. इसलिए मृतक के पैर, जांघ यानि थाईज और पीठ से स्किन ली जाती है. साथ ही इस जगह को पट्टियों से कवर कर दिया जाता है. मरीज के खुले अंगों जैसे चेहरे, हाथ, सीना आदि से स्किन नहीं लेते हैं.
– डोनेट की गई स्किन गंभीर एक्सीडेंट केसेज में पैर, हाथ, चेहरे या शरीर के किसी भी अंग की चमड़ी खो चुके मरीजों, गंभीर बर्न केसेज वाले मरीजों को लगाई जाती है. यह स्किन इन मरीजों के गहरे जख्मों, घावों को भरने और उन पर बैंडेज की तरह काम करती है.
– डोनेट की हुई जांघ की स्किन क्या किसी के चेहरे पर लगाई जा सकती है?
– यह स्किन मरीज के किसी भी अंग पर लगाई जा सकती है. चेहरे पर भी लगाई जा सकती है लेकिन इसे अच्छी तरह समझने की जरूरत है. बेसिकली डोनेट की हुई स्किन प्लास्टिक सर्जरी के नहीं बल्कि उधड़ चुकी चमड़ी वाली जगह पर ड्रेसिंग के काम आती है. यह तब तक लगती और हटती है, जब तक मरीज का घाव न भर जाए. इस स्किन को लगाने से खासतौर पर जले मरीज को दर्द, इन्फेक्शन और एक्सपोजर से राहत मिलती है. यह स्किन फ्लूड लॉस को कम करने और जख्म को भरने के काम आती है. खास बात है कि यह स्किन हमेशा उसके शरीर पर नहीं रहती. यह हटा दी जाती है. आखिर में मरीज की खुद की स्किन ही उसके शरीर पर या चेहरे पर लगाई जाती है.
– घर पर मृतक है तो कहीं नहीं जाना होता. सफदरजंग अस्पताल के स्किन बैंक की डायरेक्ट हेल्पलाइन 011-26166989 पर कॉल कर सकते हैं. यहां से एक्सपर्ट की टीम जाती है और स्किन ग्राफ्ट लेकर आ जाती है. अभी तक अस्पताल के अंदर ही आए मरीजों की मौत होने के बाद स्किन ली गई है.
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FIRST PUBLISHED : February 27, 2024, 11:50 IST