Thursday, March 13, 2025
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आखिर सर्दी में इतना आलस क्यों आता है, जादुई नुस्खे से शरीर में करंट की तरह दौड़ेगी फूर्ति


हाइलाइट्स

सर्दी में आलस के लिए हम खुद जिम्मेदार नहीं होते बल्कि इसमें प्रकृति का बहुत बड़ा हाथ रहता है.
आसल को दूर भगाने के लिए सूरज की रोशनी और सही डाइट की जरूरत होती है

How to get rid of laziness in winter: कड़ाके की सर्दी आते ही मन हमेशा में रजाई में पड़े रहने का करता है. कुछ जरूरी काम हो तो भी रजाई से बाहर आने का मन नहीं करता है. सर्दियों के मौसम में इस तरह का आलस आम बात है. हालांकि यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि सर्दी में इस आलस के लिए हम खुद जिम्मेदार नहीं होते बल्कि इसमें प्रकृति का बहुत बड़ा हाथ रहता है. बाकी कुछ हमारी अपनी हेल्थ कंडीशन होती है. दरअसल, सर्दियों के मौसम में शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं. पूरे दिन में सूरज की रोशनी कम पड़ती है. ऐसे में ज्यादा देर तक बिस्तर पर पड़े रहने की सहज ही जरूरत महसूस होती है. इसमें आप दिन भर थकान, आलस और सुस्ती महसूस कर सकते हैं. जिस व्यक्ति की हेल्थ पहले से प्रभावित है, उनके लिए सर्दियों का मौसम और भी कष्टकारक होने लगता है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर सर्दियों में लोगों को इतना आलस होता क्यों है.

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सर्दियों में आलस के कारण
हेनरी फोर्ड हेल्थ वेबसाइट के मुताबिक सर्दियों में आलस के लिए कई शारीरिक और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार होते हैं. सबसे पहले तो सूरज की रोशनी कम पड़ती है जिसके कारण हमारा जो बायलॉजिकल क्लॉक है, वह प्रभावित होने लगता है. इससे शरीर में कई हार्मोन के व्यवहार में उथल पुथल शुरू हो जाता है जिसका प्रभाव शरीर पर देखने को मिलता है. रोशनी की कमी के कारण मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ने लगता है जो हमें थका हुआ और आलस महसूस कराता है. इसके साथ ही सूरज की रोशनी की कमी के कारण विटामिन डी की प्राप्ति कम हो पाती है. विटामिन डी की कमी से मूड पर प्रतिकुल असर पड़ता है और एनर्जी लेवल बहुत डाउन हो जाता है. इससे इम्यूनिटी भी प्रभावित होती है. इस स्थिति का सामना कर रहे अधिकांश लोग सर्दियों के मौसम में उदासी, डिप्रेशन और एंग्जाइटी से जूझते रहते हैं. यह एक तरह से फिजियोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसे सिजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) कहते हैं. इस स्थिति में यदि नींद की कमी होगी तो डिप्रेशन का जोखिम भी बढ़ जाएगा.

क्या करें कि सर्दी में आलस न आए

  • रोशनी में जाएं-सुबह उठकर जब भी सूरज निकले कुछ देर के लिए जरूर बाहर जाएं. रोशनी स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन को बनने से रोकेगा जिससे सुस्ती या आलस नहीं आएगा. इसके लिए दिन में घर की खिड़कियां और डोर खोल दें.
  • कैफीन-सर्दियों में कैफीन का सेवन दिमाग को अलर्ट रखेगा. इससे शरीर में स्फूर्ति बनी रहेगी.
  • एक्सरसाइज-बेशक सर्दी ज्यादा हो लेकिन इसमें एक्सरसाइज करनी भी जरूरी है. इससे शरीर का सरकाडियन रिद्म मैंटेन रहेगा.
  • पावर नैप-दिन में 3 बजे के करीब एक पावर नैप जरूर लें. लेकिन यह झपकी 20 मिनट से ज्यादा की न हो.
  • अच्छी नींद-रात में पर्याप्त और अच्छी नींद जरूरी है. इसके लिए तनाव मुक्त होकर खुशी के साथ 7 से 8 घंटे की नींद लें.
  • डाइट-मूड को सही करने वाली डाइट जैसे कि बादाम, अखरोट, स्ट्रॉबेरी, खजूर, मिल्कशेक, केसर, संतरा, स्ट्रॉबेरीज, चीकू,अमरूद, अंगूर, अंडे और प्रोटीन का नियमित सेवन करें.इसे भी पढ़ें-  Prevention of asthma: सर्दी में क्यों परेशान करने लगता है अस्थमा, जानिए कैसे करें इससे बचाव

Tags: Health, Health tips, Lifestyle, Winter



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