Thursday, February 6, 2025
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आगरा में एक बंदर करता है सिर्फ महिलाओं पर हमला, पुरुषों के साथ नहीं की कोई हरकत


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आगरा में एक बंदर सिर्फ महिलाओं पर ही हमला करता है। शिक्षा भवन में रहने वाला यह बंदर पुरुषों पर हमला नहीं करता है। सिर्फ महिलाओं पर झपट्टा मारता है। शिक्षा भवन में तैनात महिला कर्मचारी बंदर के डर से कमरा बंद कर कार्य करती हैं। एक महीने में एक दर्जन से भी अधिक महिलाओं पर यह बंदर हमलावर हो चुका है। विभागीय अधिकारियों ने वन विभाग को बंदर को रेस्क्यू करने के लिए पत्र लिखा है।  

आजकल शिक्षा भवन एक बंदर का ठिकाना बना हुआ है। उसने अपना खौफ सिर्फ महिलाओं में फैला रखा है। महिलाओं को देखकर वो झपट्टा मारता है। उन्हें काटने को दौड़ता है। उसे वहां मौजूद पुरुषों की भीड़ से तनिक भी डर नहीं लगता। शिक्षा भवन के कर्मचारी खुद इस बात से काफी हैरान और परेशान हैं। उन्होंने बताया कि यह कक्ष में आकर बैठता है। पहले थोड़ा बहुत उत्पात मचाता था। लेकिन अब ये पुरुषों के साथ बहुत मित्रवत व्यवहार रखता है। पता नहीं क्यों यह बंदर महिलाओं को देखकर उग्र हो जाता है। कई महिलाओं को घायल कर चुका है। महिला शिक्षकों और महिला बाबुओं ने तो आना ही बहुत कम कर दिया है। उनकी मांग रहती है कि फोन से ही काम हो जाए।

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डीआईओएस कार्यालय की नीलिमा सिंह तो अपने कक्ष से बाहर ही नहीं निकलतीं। दरवाजा बंद करके ही रहती हैं। शिक्षा भवन की स्थिति यह हो गई है कि गेट के अंदर घुसते ही महिलाओं को सतर्क करना शुरू कर दिया जाता है कि संभलकर जाएं। अब तक यह बंदर एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं को घायल कर चुका है। कर्मचारियों ने बताया कि यह बंदर शिक्षा भवन के बगल से बनीं बस्ती से आया है।

काम होता है प्रभावित 

कर्मचारियों का कहना है कि वन विभाग को शिकायत की है। बंदर की वजह से काम बुरी तरह प्रभावित होता है। यह बंदर आता है। कुर्सी पर बैठता है। टेबल पर पेन लेकर बैठ जाता है। गनीमत इतनी है कि नुकसान बहुत कम करता है। शिक्षा भवन में डीआईओएस, ज्वाइंट डायरेक्टर, डीडीआर सहित अन्य अधिकारियों के कार्यालय हैं। यहां महिला बाबुओं और शिक्षकों का आना-जाना रहता है। जेडी, डा आरपी शर्मा ने कहा कि बंदर से काम प्रभावित होता है। यह सही है कि बंदर का खौफ है।  वन विभाग को पत्र लिखकर रेस्क्यू कराया जाएगा। 

बंदर के अजीब व्यवहार की वजह

पूर्व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. एके दौनेरिया ने कहा कि पशुपालन विभाग की ओर से हुए शोध के आधार पर कुत्ते और बंदर भावनात्मक रूप से बहुत गंभीर होते हैं। इस बंदर के जो क्रिया कलाप हैं उसके अनुसार निश्चित रूप से इसके साथ महिलाओं ने गलत व्यवहार किया है। ऐसे तमाम केस हैं, जिन पर स्टडी की गई है। ये इन्हीं मामलों में से हैं। इस बंदर के व्यवहार को देखते हुए यह फीमेल बिहेव विद मंकी का शिकार है।



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