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आगरा में तीन दिनों से उफान पर आई यमुना अब थमने लगी है। वाटर वर्क्स पर जलस्तर में गिरावट शुरू हो गई है। बीते दस घंटों में यमुना का जलस्तर छह इंच कम हो गया है। गोकुल बैराज से भी छह हजार क्यूसेक नदी में छोड़े जा रहे पानी में गिरावट हुई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि दो दिनों तक यमुना में जलस्तर लबालब रहेगा। 80 हजार क्यूसेक का डिस्चार्ज नदी में बना रहेगा। ऐसे यदि बारिश होती है तो डिस्चार्ज में बढ़ोतरी हो सकती है। उनकी पीछे बैराजों से छोड़े जा रहे पानी पर नजरें बनी हुई हैं। तटीय इलाकों और कॉलोनियों में खतरा फिलहाल बरकरार है।
हथनी कुंड से यमुना में छोड़ गए 2.51 लाख क्यूसेक पानी ने आगरा में एक बार फिर से हालात खराब कर दिए थे। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। वाटर वर्क्स पर यमुना बाढ़ के चेतावनी स्तर 495 फीट को लांघकर 497 फीट से ऊपर निकल गई थी। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना था कि यमुना में 1.20 लाख क्यूसेक से अधिक पानी का डिस्चार्ज बढ़ने पर आगरा की स्थिति खराब होती है। शुक्रवार सुबह जलस्तर घटकर 496.7 फीट था, जो शाम छह बजे घटकर 496.1 फीट हो गया।
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बेबी ताज तक पहुंचा पानी
यमुना ने दुबारा से एत्मादउद्दौला स्मारक बेबी ताज की दीवार को छू लिया था। पानी स्मारक की बाउंड्री से सटकर बह रहा था। वहीं, कैलाश, बल्केश्वर, दशहरा घाट पानी में डूबे हैं। ताजमहल के पीछे वाला गार्डन भी पानी से लबालब है। सिंचाई विभाग का कहना हैं कि एक सप्ताह में सामान्य स्थिति हो सकती है।
ये है यमुना की स्थिति
– लो फ्लर्ड लेवल 495 फीट
– मिडिल फ्लड लेवल 499 फीट
– हाई फ्लड लेवल 508 फीट
– वर्तमान जलस्तर 496.1 फीट
495 फीट के आसपास रहेगा जलस्तर
गोकुल से पानी का डिस्चार्ज भी सुबह आठ बजे 99,119 क्यूसेक था, जो शाम छह बजे घटकर 93,889 क्यूसेक हो गया। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक दो दिन तक यमुना का जलस्तर 495 फीट के आसपास रहेगा। गोकुल बैराज से नदी में 70 से 80 हजार क्यूसेक का डिस्चार्ज बना रहेगा। लगातार पीछे बारिश हो रहा है। यदि बैराजों से पानी छूटता है तो जलस्तर में उतार-चढ़ाव की संभावना हैं।