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हाइलाइट्स
विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त सुबह 10:15 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक है.
अखंड सौभाग्य की हरतालिका तीज 18 सितंबर को है. इसे बड़ी तीज भी कहते हैं.
इस बार गणेश चतुर्थी का प्रारंभ 19 सितंबर से हो रहा है.
सितंबर 2023 का नया सप्ताह आज 17 सितंबर रविवार को विश्वकर्मा पूजा से शुरू हुआ है. आज सूर्य की कन्या संक्रांति भी है. आज देव शिल्पी विश्वकर्मा की पूजा की जाती है और संक्रांति का स्नान-दान किया जाएगा. इस सप्ताह में हरतालिका तीज या बड़ी तीज, गणेश चतुर्थी या गणेश उत्सव, ऋषि पंचमी, महालक्ष्मी व्रत और राधाष्टमी या राधा जयंती आने वाली है. यह सप्ताह व्रत और त्योहारों से भरा पड़ा है. तिरुपति के
ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ये सभी व्रत और त्योहार कब और किस दिन हैं? इनका महत्व क्या है?
17 से 23 सितंबर 2023 तक के व्रत और त्योहार
17 सितंबर, रविवार: कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा 2023: इस साल विश्वकर्मा पूजा आज 17 सितंबर को मनाया जा रहा है. आज के दिन कायस्थ समाज के लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. उनके अलावा कल कारखाने, निर्माण और मशीनरी से जुड़े क्षेत्रों में विश्वकर्मा पूजा की जाती है. भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर कहा जाता है. आज विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग और ब्रह्म योग बन रहे हैं. विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त सुबह 10:15 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक है. आज के दिन कामकाज नहीं होता है.
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कन्या संक्रांति 2023: सूर्य की कन्या संक्रांति आज है. कन्या संक्रांति का क्षण आज दोपहर 01:43 पी एम पर है. उस समय से सूर्य देव कन्या राशि में गोचर करेंगे. कन्या संक्रांति का पुण्य काल दोपहर 01:43 पी एम से शाम 06:24 पी एम तक और महा पुण्य काल दोपहर 01:43 पी एम से दोपहर 03:46 पी एम तक है. आज के दिन स्नान और दान करने के साथ सूर्य पूजा का विधान है.
18 सितंबर, सोमवार: हरतालिका तीज या बड़ी तीज
हरतालिका तीज 2023: अखंड सौभाग्य की हरतालिका तीज 18 सितंबर को है. इसे बड़ी तीज भी कहते हैं. इस दिन महिलाएं जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त बाद शाम 06:23 पी एम से है. इसकी पूजा प्रदोष काल में करते हैं. व्रती माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करती हैं.
19 सितंबर, मंगलवार: गणेश चतुर्थी का प्रारंभ या गणेश उत्सव की शुरूआत, गणेश जयंती
गणेश चतुर्थी 2023: इस बार गणेश चतुर्थी का प्रारंभ 19 सितंबर से हो रहा है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म दोपहर के समय में हुआ था, इस वजह से हर साल इस तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. इसे गणेश जयंती भी कहते हैं. महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी से 10 दिनों का गणेश उत्सव शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ इसका समापन होता है.
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20 सितंबर, बुधवार: ऋषि पंचमी
ऋषि पंचमी 2023: ऋषि पंचमी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल ऋषि पंचमी 20 सिंतबर को है. यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन होता है. इस दिन अनजाने में किए गए पाप के लिए प्रायश्चित करते हैं. इसके लिए उपवास रखा जाता है. सप्तऋषियों की पूजा करते हैं.
22 सितंबर, शुक्रवार: महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ
महालक्ष्मी व्रत 2023: 16 दिनों का महालक्ष्मी व्रत 22 सितंबर शुक्रवार से शुरू हो रहा है. यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि से प्रारंभ होता है. इसमें 16 दिनों तक माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से दरिद्रता दूर होती है, धन-दौलत की प्राप्ति होती है. इसमें आपको माता लक्ष्मी को उनके प्रिय भोग अर्पित करने चाहिए.
23 सितंबर, शनिवार: राधाष्टमी
राधाष्टमी 2023: भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय राधारानी का जन्मदिन भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. उस दिन को राधाष्टमी या राधा जयंती कहते हैं. इस साल राधाष्टमी 23 सितंबर को है. कहा जाता है कि जन्माष्टमी व्रत के फल को प्राप्त करने के लिए राधाष्टमी का व्रत जरूर करना चाहिए. राधारानी की कृपा से ही श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त की जा सकती है. राधाष्टमी पूजा का मुहूर्त 11:01 एएम से दोपहर 01:26 पीएम तक है.
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Tags: Dharma Aastha, Ganesh Chaturthi, Hartalika Teej
FIRST PUBLISHED : September 17, 2023, 07:30 IST
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