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पिछले हफ्ते सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में सरकार ने ‘आतंकवाद के खिलाफ अभियान’ शुरू करने का फैसला किया था। असीम मुनीर ने कहा कि आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान से आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है। आर्मी चीफ का उद्देश्य इस ऑपरेशन के लिए समर्थन जुटाना था, जिसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सरकार के भीतर भी कुछ लोगों ने सवाल किया है कि समस्या पर इसका कितना असर पड़ेगा।
‘पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए बहा है खून’
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट जियो टीवी के अनुसार मुनीर ने कहा, ‘पाकिस्तान में इस समय ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आप नहीं जा सकते। इस सफलता के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान दी है। उन्होंने देश के लिए खून बहाया है।’ मुनीर ने ये बातें नेशनल असेंबली की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में कही हैं। उन्होंने कहा कि आंतकवादियों के पास सरकार के आदेश को मानने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
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‘बातचीत ने दिया एकजुट होने का मौका’
पाक आर्मी चीफ ने कहा कि आतंकवादी फिर से एकजुट हो गए क्योंकि सरकार उनके साथ बातचीत करने को तैयार थी। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बल देश में स्थायी शांति चाहते हैं। इसे लेकर हर रोज खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन चलाए जाते हैं। पाकिस्तान के पास संसाधनों और लोगों की कोई कमी नहीं है।’ मुनीर ने नेशनल असेंबली के सदस्यों से पाकिस्तान की मंजिल तय करने का आग्रह किया और कहा कि ‘विकास और सफलता के इस सफर में सेना पाकिस्तान का पूरा साथ देगी’।
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