Home National आतंकी था सामने मगर हिंदू शख्स को नहीं मारा गोली, पहले पढ़ा कलमा, फिर बचाई जान

आतंकी था सामने मगर हिंदू शख्स को नहीं मारा गोली, पहले पढ़ा कलमा, फिर बचाई जान

0
आतंकी था सामने मगर हिंदू शख्स को नहीं मारा गोली, पहले पढ़ा कलमा, फिर बचाई जान

[ad_1]

Pahalgam Attack Hindu Professor Recite Kalima: असम विश्वविद्यालय में बंगाली विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य पहलगाम हमले में बचने शख्स हैं. बैसरन के पास हुए घातक आतंकी हमले में ये भी फंसे हुए थे. उन्होंने न्यूज़18 असम को उन भयावह क्षणों के बारे में बताया. इनकी कहानी जीवित रहने, विश्वास और किस्मत की कहानी हैं.

article_image_1भट्टाचार्य ने बताया कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ एक पेड़ के नीचे सो रहा था. तभी मैंने अचानक अपने आस-पास लोगों की फुसफुसाहट सुनी. लोग कलमा पढ़ रहे थे. स्वाभाविक रूप से मैंने भी इसे पढ़ना शुरू कर दिया. कुछ ही क्षणों बाद वर्दी पहने आतंकवादी वहां पहुंचे. उनमें से एक हमारी ओर आया और मेरे बगल में लेटे व्यक्ति के सिर में गोली मार दी.’

भट्टाचार्य ने बताया कि इसके बाद बंदूकधारी मेरी ओर मुड़ा. उसने सीधे मेरी ओर देखा और पूछा, ‘क्या कर रहे हो? मैं और भी जोर से कलमा पढ़ने लगा. मुझे नहीं पता कि मुझे ऐसा करने के लिए क्या मजबूर किया. मगर वह किसी कारण से मुड़ा और चला गया.’

घोड़े की खुरों की मदद से बचाई जान
उन्होंने कहा कि मौका भांपकर मैं चुपचाप उठा अपनी पत्नी और बेटे के साथ लिया और तेजी से बाड़ की ओर चलने लगा. हम ऊपर चढ़े, एक बाड़ को पार किया और लगभग दो घंटे तक चलते रहे. हम रास्ता भटक चुके थे. मगर, घोड़ों के खुरों के निशानों का अनुसरण किया. आखिरकार, हम एक घुड़सवार के पास पहुंचे. उसकी मदद से अपने होटल पहुंचे. घबराए हुए थे, लेकिन सुरक्षित थे.

भट्टाचार्य ने कहा, ‘मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं जीवित हूं.’परिवार अब श्रीनगर में है. जल्द से जल्द घर लौटने की तैयारी में हैं.

27 लोग मारे गए
पहलगाम में बंदूकधारियों द्वारा नागरिकों पर गोलीबारी करने के बाद आतंकवादी हमले में कम से कम 27 टूरिस्ट मारे गए. यह हमला बैसरन में हुआ, जहां मंगलवार की सुबह पर्यटकों का एक समूह सैर-सपाटा करने गया था. प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह रेजिस्टेंस फ्रंट के एक छाया समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है.

स्नाइपर से मारी गोली
तीन आतंकवादियों ने मृतकों को एक जगह रखा, फिर पहचान की पुष्टि की. उनकी पहचान से पहले पुरुष और महिलाओं को अलग-अलग किया. कुछ पीड़ितों ने बताया कि स्नाइपर के जरिए गोली मारी. दूर से गोली मारी गई, कई लोग खून बहने की वजह से मर गए.

रात भर चला सर्च ऑपरेशन, जम्मू-कश्मीर हाई अलर्ट पर
सुरक्षा बलों ने हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए इलाके की तलाशी कर रही है. भारतीय सेना की चिनार कोर ने एक बयान में कहा, “तलाशी अभियान अभी जारी है, जिसमें हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाए जाने की पूरजोर कोशिश है.’

[ad_2]

Source link