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युगांडा में विदेश मंत्री ने कहा, ‘आज, जो ताकतें दशकों तक भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में लिप्त रही हैं और जिन्हें भारत ने बर्दाश्त किया है, वे अब जानती हैं कि यह भारत बिल्कुल ‘अलग’ है और यह भारत उन्हें जवाब देगा।’ जयशंकर ने चीन से लगी सीमा पर चुनौतियों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन साल से समझौतों का उल्लंघन कर चीन बड़ी संख्या में बल लेकर आया है।’ उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना काफी ऊंचाई पर और बेहद कठिन परिस्थितियों में तैनात है।
‘आज का भारत और ज्यादा स्वतंत्र’
एस जयशंकर ने कहा, ‘यह स्थिति अतीत से अलग है क्योंकि भारतीय सैनिकों के पास अब ‘पूर्ण समर्थन’ है। उनके पास सही उपकरण और बुनियादी ढांचा है।’ उन्होंने स्वीकार किया कि चीन से लगी सीमा पर बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए और काम करना होगा क्योंकि अतीत में इसे नजरअंदाज किया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि आज भारत की नीतियां किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होती हैं। ‘यह एक अधिक स्वतंत्र भारत है।’
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युगांडा में भारतीय विश्वविद्यालय
राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) का विदेश में पहला परिसर बुधवार को युगांडा के जिंजा में स्थापित किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी उपलब्धि बताया है। परिसर के उद्घाटन समारोह में जयशंकर ने कहा, ‘हम दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की एक बड़ी उपलब्धि मनाने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। भारत का राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (नेशनल फोरेंसिक साइसेंज यूनिवर्सिटी) युगांडा के रक्षा बलों के साथ साझेदारी में यहां अपना परिसर स्थापित कर रहा है।’ जयशंकर ने कहा कि आज का दिन भारत और युगांडा के लिए गौरव का दिन है। इस अवसर पर युगांडा के उप प्रधानमंत्री, मंत्री और शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित थे।
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