ऐप पर पढ़ें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कश्मीर दौरे पर थे। जब वो श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे तो उनका स्वागत करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और उनके वरिष्ठ अधिकारियों की टीम के साथ-साथ, राज्य के मुख्य सचिव ए डुल्लू, पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन के अलावा सेना, नागरिक प्रशासन और पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उन्हीं लोगों में 60 साल के एक ऐसे शख्स भी शामिल थे, जिनसे मिलकर प्रधानमंत्री न केवल खुश हुए बल्कि उनके पास रुककर उनका और उनके परिवार के लोगों का हाल-चाल भी जाना।
जब प्रधानमंत्री दिनभर के कार्यक्रम के बाद कश्मीर से लौटने लगे तब फिर श्रीनगर हवाई अड्डे पर उन शख्स से प्रधानमंत्री की मुलाकात हुई। इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा: “आजाद साहब आप की मेहनत रंग लाई है। बहुत सारे लोग जलसे में आये थे।” अधिकारी उस शख्स को देखकर अचरज में थे कि ये कौन शख्स हैं?
कौन हैं अशरफ आजाद?
सफेद दाढ़ी में काला कुर्ता और उस पर भगवा रंग की बंडी पहने 60 साल के उस शख्स के सिर पर तिरंगे वाली पगड़ी सजी थी और कंधे पर भाजपा का पट्टा था। अशरफ आजाद नाम के यह शख्स पीएम मोदी के पुराने मित्र हैं। आजाद बड़गाम जिले के हकरमुल्ला गांव के रहने वाले हैं। पीएम और सीएम बनने से बहुत समय पहले से ही नरेंद्र मोदी और उनके बीच दोस्ती है। मोदी उनके गांव और घर भी जा चुके हैं।
कैसे हुई दोस्ती?
जनवरी 1992 में गणतंत्र दिवस के मौके पर श्रीनगर के लालचौक पर तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराने पहुंचे थे। उन दिनों कश्मीर हिंसा और आतंकी की आग में झुलस रहा था। तभी उग्रवादी संगठनों से जुड़ा 26 वर्षीय एक युवक जिज्ञासा के साथ यह देखने के लिए लाल चौक पर आया था कि दहशतगर्दी के इस दौर में वह कौन है जो जान हथेली पर लेकर आत्मघाती मिशन पर अड़ा हुआ है।
वह शख्स थे मोहम्मद अशरफ हजाम उर्फ ‘आजाद’। उन्होंने तब भाजपा नेताओं से लाल चौक पर मुलाकात की थी। इसके बाद चश्मा शाही के एक गेस्टहाउस में भी भाजपा नेताओं से जाकर मुलाकात की। बाद में बीजेपी नेताओं (नरेंद्र मोदी) ने आजाद को दिल्ली बुलाया और अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात कराई। कुछ महीने बाद, जब नरेंद्र मोदी फिर श्रीनगर पहुंचे तो आजाद ने एक प्राइवेट टैक्सी लेकर और खुद चलाकर मोदी को बडगाम जिले स्थित अपने गांव लेकर गए थे।
10 दिनों तक घूमे थे कश्मीर के गांव-गांव
आजाद ने तब हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के गांव सोइबुघ के पास हकेरमुल्ला स्थित अपने घर पर मोदी को ठहराया था। तब मोदी और आजाद ने बिना किसी सुरक्षा के करीब 10 दिनों तक कश्मीर के सभी छह जिलों के गांव-गांव का दौरा किया था। आजाद के मुताबिक, तब मोदी बीजेपी-आरएसएस के मिशन पर थे लेकिन उन्होंने खुद को एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में पेश किया था।
कश्मीर के स्वतंत्र पत्रकार अहमद अली फैयाज ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उस दौरे का जिक्र करते हुए लिखा है कि गांवों में जाकर कश्मीरी लोगों से बात करते समय मोदी तब लोगों से उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों, विकास, इतिहास आदि के बारे में अलग-अलग सवाल पूछते थे। मोदी घाटी के लोगों के जवाब अपनी नोटबुक में लिखा करते थे। इसके बाद आजाद भाजपा में शामिल हो गये और वह आज तक लगातार उसी पार्टी से जुड़े हुए हैं।
बकौल फैयाज, फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आजाद फिर से श्रीनगर हवाई अड्डे पर मिले तो दोनों दोस्तों ने अपने पुराने दिनों को याद किया। गुरुवार को फिर दोनों दोस्तों ने श्रीनगर हवाईअड्डे पर मुलाकात की और एक-दूसरे का हाल चाल जाना। हवाई अड्डे पर पीएम मोदी ने आजाद को अपने पुराने दोस्त के रूप में पेश किया।