HPV Vaccine for Boys: सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए केंद्र सरकार आपकी 9 से 14 साल की बेटी को निशुल्क एचपीवी का टीका लगाएगी. यह वैक्सीन भारत के इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम का हिस्सा बनेगी और फिर देशभर की बच्चियों को लगेगी. महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए यह अच्छा कदम है लेकिन आपको बता दें कि बेशक लड़कों को सर्वाइकल कैंसर नहीं होता, लेकिन यह वैक्सीन आपके बेटों की हेल्थ के लिए भी उतनी ही जरूरी है, जितनी की लड़कियों के लिए. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में तैयार हुई सर्वावैक वैक्सीन सिर्फ लड़कियों को ही नहीं बल्कि लड़कों को भी कई तरह के कैंसर से बचा सकती है.
सिर्फ लड़कियां ही नहीं लड़कों के लिए भी है ये वैक्सीन
देश की जानी-मानी गायनेकोलॉजिस्ट और लाइफ केयर सेंटर की हेड डॉ. शारदा जैन बताती हैं कि भारत में तैयार की गई एचपीवी वैक्सीन सर्वावैक को लेकर एक चीज साफ है कि यह सिर्फ लड़कियों के लिए नहीं है, बल्कि यह लड़कों को भी लगाई जा सकती है और अगर आपका बेटा है तो भले ही सरकार ने इसे अभी लड़कों के लिए इम्यूनाइजेशन में शामिल नहीं किया है, लेकिन इसे प्राइवेट रूप से लगवा सकते हैं. जबकि यहां पहले से मौजूद विदेशी वैक्सीन गार्डासिल के साथ ऐसा नहीं है. उसे यहां सिर्फ लड़कियों के ही लगाने की मंजूरी है.
पुरुषों के लिए क्यों है जरूरी?
सर्वावैक वैक्सीन एचपीवी के 4 सीरोटाइप्स पर असरदार है. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की वजह से सिर्फ महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर ही नहीं होता बल्कि इसकी वजह से लड़कों को भी पेनाइल कैंसर, एनल यानि मलद्वार का कैंसर, गले का कैंसर और ओरल कैंसर यानि मुंह का कैंसर होता है. ऐसे में अगर लड़कों को भी शारीरिक संपर्क में जाने से पहले यह वैक्सीन दे दी जाती है तो लड़कों को आगे चलकर होने वाले इन 4 तरह के कैंसर और जेनिटल पार्ट्स में होने वाले मस्सों से बचाया जा सकता है. पिछले कुछ सालों में पुरुषों में ओरल कैंसर के काफी मामले देखे गए हैं और एचपीवी रिलेटेड ओरल कैविटी कैंसर एक बड़ी परेशानी बनकर उभर रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में लड़कों को दी गई वैक्सीन
डॉ. शारदा बताती हैं कि ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण सबसे अच्छा है. वहां लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन शुरू की गई. पांच साल के बाद देखा गया कि वैक्सीनेशन के बाद भी सर्वाइकल कैंसर के मामलों में इतनी कमी नहीं आई, इसकी वजह थी कि जो वहां लड़के थे वे एचपीवी के रिजर्वायर थे. उनकी वजह से लड़कियों में यह इन्फेक्शन बार-बार हो रहा था. इसके बाद वहां लड़कों को भी वैक्सीनेट किया गया.
लड़कों में जल्दी नहीं होता डायग्नोस
आंकड़े बताते हैं कि 70 लड़कियों में एचपीवी का पता 30 साल की उम्र तक चल जाता है, जबकि इतनी उम्र तक सिर्फ 30 फीसदी पुरुषों में ही एचपीवी का पता चल पाता है. इसलिए ये एचपीवी के री-इन्फेक्शन के सोर्स बन जाते हैं. इसलिए अगर सर्वाइकल कैंसर के अलावा एचपीवी से होने वाले सभी कैंसर और संक्रमणों को जड़ से खत्म करना है तो लड़कों को भी यह वैक्सीन कवर देना होगा.
किस उम्र तक लग सकता है टीका
डॉ. जैन कहती हैं कि लड़कियों को तो सरकार निशुल्क टीका लगाएगी लेकिन पेरेंट्स को न केवल उनके बेटों की सेहत के लिए बल्कि लड़कों से लड़कियों में होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए भी इस वैक्सीन को लगवाने की सलाह दी जाती है. सरकार लड़कों के लिए खर्च नहीं कर रही लेकिन वे प्राइवेट रूप से इसे लगवा सकते हैं. जहां तक लड़कों की उम्र की बात है तो 9 से 14 साल तो बेस्ट है ही लेकिन लड़कों में यह वैक्सीन 26 साल की उम्र तक लगवाया जा सकता है और यह प्रभावी है.
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FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 18:46 IST