Friday, July 5, 2024
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आपको CM भी तो बनाया; एकनाथ शिंदे को क्यों अहसान याद दिला रही भाजपा, सीट बंटवारे पर बढ़ी टेंशन


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महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में अब तक फैसला नहीं हो सका है। एक तरफ भाजपा चाहती है कि उसके उम्मीदवार राज्य की कम से कम 35 सीटों पर लड़ें। वहीं एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार गुट को 13 से 16 सीटें दी जाएं। होम मिनिस्टर अमित शाह खुद मंगलवार को मुंबई गए थे। उन्होंने यह प्रस्ताव महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार गुट की एनसीपी के आगे रखा था। लेकिन दोनों दलों ने इस प्रस्ताव को अब तक स्वीकार नहीं किया है। इस बीच खबर है कि भाजपा ने 35 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लगभग तय कर लिया है।

भाजपा ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी से कहा है कि ‘कमल’ के सिंबल पर ही जीत की अधिक संभावनाएं हैं। इसलिए भाजपा को लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें लड़ने दें और उसकी भरपाई विधानसभा चुनाव में कर लीजिए। इस पर भी अब तक सहमति नहीं बन सकी है। ऐसे में अब भाजपा एकनाथ शिंदे को वह अहसान याद दिलाने लगी है, जिसके तहत कम सीटों के बाद भी एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के सीएम का पद दिया गया। सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व ने एकनाथ शिंदे को यह बात याद दिलाई है।

यही नहीं खुद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी अब यही बात दोहरा रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को भी कहा, ‘हमारे पास 115 विधायकों का समर्थन था। लेकिन हमने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया और उनका समर्थन कर रहे हैं।’ भाजपा नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें छोड़ना कोई बड़ा समझौता नहीं है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि एकनाथ शिंदे और अजित पवार कम लोकसभा सीटों पर राजी हो जाते हैं तो फिर विधानसभा में उन्हें अधिक सीटें दी जाएंगी। भाजपा का कहना है कि हमारे पास सांसदों की संख्या भी अधिक है। अजित पवार गुट के पास तो एक ही सांसद है।

ऐसे में उन्हें अधिक सीटें देना समझदारी नहीं होगा। बता दें कि मीटिंग में एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से 13 सीटों की मांग की थी। इस पर अमित शाह ने उन्हें 9 सीटों का ऑफर दिया है। इसके अलावा अजित पवार गुट की ओर से 8 सीटों की मांग पर 4 का ऑफर मिला है। इन 4 सीटों में से एक बारामती की सीट भी होगी, जो शरद पवार का गढ़ रही है। भाजपा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें जीतना मकसद है। यह तभी संभव होगा, जब कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ा जाए। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के एकाध समर्थक को भी भाजपा अपने ही सिंबल पर उतार सकती है।



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