Tuesday, September 3, 2024
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आलू-गोभी ही नहीं यहां बनाई जाती है बांस की खेती, रेसिपी और स्वाद जानकर आप हो जाएंगे हैरान


आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व अपनी खूबसूरती और रहस्मयी दुनिया के लिए मशहूर है. यह पूरा क्षेत्र हिमालय की तराई में बसा हुआ है, जहां अधिकांशतः ट्राइब्स(जनजातियों) का बसेरा है. इन ट्राइब्स में थारू जनजाति के लोग बड़ी मात्रा में हैं.

खास बात यह है कि जंगल में बसे इन आदिवासियों की खान-पान इतनी अलग है, जिसकी कल्पना भी आप नहीं कर सकते हैं. मांस मछली तो दूर, यहां बनाई जाने वाली सब्जियां भी आम सब्जियों से भिन्न होती है. इन्हीं में से एक है बांस की सब्जी. जिसे थरुहट में बड़े चाव से खाया जाता है. सुनकर आपको अजीब लगेगा, लेकिन यह बिलकुल सच है. जिस बांस का इस्तेमाल हम सब घर, मचान, पटरी इत्यादि बनाने के लिए करते हैं, थरुहट में उसे सब्जी के रूप में बड़े चाव से खाया जाता है.

जंगल में बसे थरुहट में बनाई जाती है बांस की सब्जी

पश्चिम चम्पारण जिले के गौनाहां प्रखंड को ट्राइव्स के बसेरे के रूप में देखा जाता है. हालांकि गौनाहां के अलावा जिले के हरनाटांड़, बगहा और मैनाटांड में भी थारू जनजाति के लोग रहते हैं. लेकिन इनसे संबंधित जो खास चीजें जंगली क्षेत्रों में मिल जाती हैं, वो कहीं और देखने को नहीं मिलता है.

गौनाहां प्रखंड के डोमाठ गांव में बसे रामकिशन एक आदिवासी थारू हैं. उनके यहां बांस की सब्जी को बड़े चाव से बनाया और खाया जाता है. रामकिशन की बहू जयंत्री देवी ने बताया कि बांस की सब्जी बनाने के लिए बांस के सबसे शुरूआती पौधे (कोपल) का इस्तेमाल किया जाता है. थरुहट में बांस को तावा और छोटे पौधे को पोपड़ा कहा जाता है.

छोटे बांस (पोपड़े) से बनाई जाती है सब्जी

जयंत्री के अनुसार, सब्जी के लिए पोपड़े को सबसे पहले छीलकर उसे तीन दिनों के लिए पानी में डूबोया जाता है. फर्मेंटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोपड़ा पूरी तरह से खट्टा हो जाता है. अब इसी खट्टे पोपडे से सब्जी बनाई जाती है. जिस प्रकार बिहार में आलू का भुजिया बनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार थरुहट में पोपड़े की सब्जी बनाई जाती है. खास बात यह है कि इसे फ्राई, ग्रेवी और करी रूप में भी बनाकर खाया जाता है.

इसे बनाने की प्रक्रिया अन्य सब्जियों की तुलना में थोड़ी अलग है. गर्म तेल में पोपड़े को डाल उसमें हरी मिर्च डालते हैं. थोड़ी देर तक फ्राई करने के बाद उसमें लहसुन और सरसों का पेस्ट डाला जाता है. अगले क्रम में उसमें नमक, मिर्च पाउडर, कुछ गरम मसाले और हल्दी डालकर पकाया जाता है. रंग लाल होने के बाद उसमें पानी डालकर करीब 10 मिनट तक हल्की आंच पर पकाकर खाया जाता है.

Tags: Bihar News, Champaran news, Local18



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