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पीयूष पाठक/अलवर. वैसे तो देशभर में कचौड़ी मिलना आम बात है. लेकिन अलवर शहर में मिल रही कचौड़ी पूरे देश में अपने आप में एक अलग स्वाद देती है. इसका कारण है कि अलवर की कचौड़ी के साथ मिलने वाली कढ़ी को अलग तरह से तैयार किया जाता है. इस कढ़ी में आलू डालकर इसे तैयार किया जाता है. जिस कारण यह कचौड़ी के साथ मिलकर लोगों को जबरदस्त स्वाद देती है. अलवर वासियों की सुबह की शुरुआत इसी कचौड़ी से होती है. ऐसा भी कहा जाता है यदि कोई पर्यटक अलवर घूमने आ रहा है और उसने अलवर की कचौड़ी का स्वाद नहीं लिया तो फिर अलवर का स्वाद क्या लिया.
अलवर के अशोक टॉकीज पर कचौड़ी की दुकान लगाने वाले सुभाष ने बताया अलवर में कचौड़ी 1962 से मिल रही है. अलवर वासियों के बीच इसका नाम मथुरा कचौड़ी के नाम से फेमस है. अलवर में मथुरा कचौड़ी के नाम से चार दुकान लगती है. यह अलवर में बहुत पहले से चली आ रहे हैं. अलवर की कचौड़ी अपनी कढ़ी के लिए मशहूर है. इसका कारण है कि अलवर में मिलने वाली कढ़ी में आलू डालकर इसे तैयार किया जाता है. इस कारण इसका स्वाद अलग ही रहता है. लोग कढ़ी के स्वाद के साथ तीन से चार कचौड़ी एक साथ में खड़े-खड़े खा जाते हैं. सुभाष ने बताया कि जब इस कचौड़ी की शुरुआत हुई थी तो 25 पैसे में दो कचौड़ी मिलती थी. लेकिन आज महंगाई के साथ कचौड़ी के दाम भी बढ़ गए हैं. आज 15 रुपये की एक कचौड़ी यहां पर मिलती है. इसे अगर यह कहे की यह अलवर वासियों का नाश्ता है तो यह कहना गलत नहीं होगा.
अलवर में बिक जाती है 4 लाख कचौड़ी
अलवरवासियों का नाश्ता कहीं जाने वाली मथुरा कचौड़ी के नाम से प्रसिद्ध कचोड़ी एक दिन में करीब चार लाख के आंकड़े को खपत की संख्या को पाल कर जाती है. इसका कारण यह है कि अलवर की आलू वाली कड़ी को स्पेशल मसाले के साथ तैयार किया जाता है. साथ ही कुछ ऐसे मसाले होते हैं जो दुकानदारों के अपने ही बनाए हुए होते हैं. इस कारण लोगों को कचौड़ी में स्वाद आता है और स्वाद के कारण ही लोग कचौड़ी दुकान पर जाकर तो खाते ही है, साथ ही घर भी लेकर जाते हैं. मथुरा कचौड़ी का हर वर्ग दीवाना है, इसमें बच्चे, युवा, बुजुर्ग व महिलाएं भी शामिल है. सभी लोग इस कचौड़ी को बड़े चाव से खाते हैं.
लोगों का क्या है कहना
अगर शहर में दिल्ली से आए आदित्य ने बताया कि कचौड़ियां तो बहुत जगह खाई है, लेकिन अलवर की कचौड़ी का स्वाद अलग ही है. इसका कारण भी यहां पर मिलने वाली कढ़ी का है. हम यहां दो दिन के लिए घूमने आए. लेकिन जब हम सुबह घूमने के लिए निकले तो दुकान पर भीड़ देखकर रुक गए और हमारा भी मन कचौड़ी खाने का हुआ. सच में यह कचोड़ी लाजवाब है. अलवर की कचौड़ी का टेस्ट अपने आप में बेहतरीन है. बाहर से आने वाले लोगों को इस कचौड़ी का स्वाद जरूर लेना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 13:57 IST
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