Home Tech & Gadget इंटरनेट पर बिक रहा है लाखों भारतीय यूजर्स का पर्सनल डाटा; आप भी उनमें से तो नहीं?

इंटरनेट पर बिक रहा है लाखों भारतीय यूजर्स का पर्सनल डाटा; आप भी उनमें से तो नहीं?

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इंटरनेट पर बिक रहा है लाखों भारतीय यूजर्स का पर्सनल डाटा; आप भी उनमें से तो नहीं?

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इंटरनेट यूजर्स का डाटा चोरी होने और ऑनलाइन बेचे जाने के मामले नए नहीं हैं लेकिन भारतीय यूजर्स सबसे ज्यादा ऐसे मामलों का शिकार हो रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी VPN सेवा Nord VPN की ओर से शेयर की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत डाटा लीक से सबसे ज्यादा प्रभावित वाला देश है और बॉट मार्केट्स में यहां के करीब 6 लाख यूजर्स का पर्सनल डाटा बिक रहा है। 

स्टडी में सामने आया है कि मालवेयर की मदद से चोरी किया गया यूजर्स डाटा हैकर्स बॉट मार्केट्स पर बेच रहे हैं। चोरी किए गए इस डाटा में यूजर्स की लॉगिन डीटेल्स, कुकीज, डिजिटल फिंगरप्रिंट्स, स्क्रीनशॉट्स और ऐसी दूसरी जानकारी शामिल है। एक यूजर की डिजिटल आइडेंटिटी की औसत कीमत हैकर्स की ओर से 5.95 डॉलर (करीब 490 रुपये) रखी गई है। 

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Nord VPN ने ट्रैक किया पिछले 4 साल का डाटा

रिपोर्ट तैयार करने के लिए Nord VPN ने साल 2018 में बॉट मार्केट्स लॉन्च होने के बाद से बीते 4 साल का डाटा ट्रैक किया। Nord VPN रिसर्चर्स ने पाया कि 66.7 करोड़ कुकीज के अलावा करीब 81,000 डिजिटल फिंगरप्रिंट्स और 538,000 ऑटोफिल फॉर्म्स का डाटा मार्केट्स में उपलब्ध था। इसके अलावा डिवाइसेज के ढेरों स्क्रीनशॉट्स और वेबकैम स्नैप्स भी हैकर्स की ओर से बेचे जा रहे हैं।

भारत के लिए बड़ा खतरा बने हैं साइबर अपराध

साइबर अपराध के मामले भारत में हमेशा से ही एजेंसियों को परेशान करते रहे हैं और बड़ा मुद्दा हैं। हाल ही में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंजेस (AIIMS) के कई सर्वर्स हैक होने का मामले सामने आया था। इस अटैक के महज एक हफ्ते बाद ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (IMCR) पर 24 घंटे के अंदर करीब 6,000 बार हैकिंग अटैक्स किए गए और उसके सर्वर में सेंध लगाने की कोशिश हुई।

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यूजर्स के लिए ज्यादा खतरनाक हैं बॉट मार्केट्स

Nord VPN में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मारिजस ब्रेइडिस ने कहा, “बॉट मार्केट्स अन्य डार्क वेब मार्केट्स से इस तरह अलग हैं कि उनपर किसी एक यूजर से जुड़ा ढेर सारा डाटा एकसाथ शेयर किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “एक बार किसी बॉट के बिक जाने की स्थिति में खरीदने वाले को पता होता है कि बॉट से डिवाइस इन्फेक्टेड रहने तक विक्टिम का डाटा अपडेट होता रहेगा और पुराना नहीं होगा।”

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