Home Life Style इंटरमिटेंड फास्टिंग से होगा ब्लड शुगर का अंत, वैज्ञानिकों का दावा, खाने का सही समय भी बताया

इंटरमिटेंड फास्टिंग से होगा ब्लड शुगर का अंत, वैज्ञानिकों का दावा, खाने का सही समय भी बताया

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इंटरमिटेंड फास्टिंग से होगा ब्लड शुगर का अंत, वैज्ञानिकों का दावा, खाने का सही समय भी बताया

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हाइलाइट्स

इंटरमिटेंट फास्टिंग उन लोगों में डायबिटीज का जोखिम कम कर देता है जिनमें बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है.
खाना खाने का समय और फास्टिंग की सलाह का स्वास्थ्य पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

Intermittent Fasting Reduced Risk of Diabetes: इंटरमिटेंट फास्टिंग आजकल काफी चलन में है और मोटापा कम करने के लिए लोग इसका इस्तेमाल खूब करने लगे हैं. हालांकि इंटरमिटेंट फास्टिंग से मोटापा कम करने के आश्चर्यजन परिणाम देखे गए लेकिन अब तक यह नहीं देखा गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से अन्य फायदे भी होते हैं या नहीं. लेकिन एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इंटरमीटेंट फास्टिंग टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को लगभग पूरी तरह खत्म कर देता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक निश्चित समय तक कुछ भी खाना वर्जित रहता है.

ऑस्ट्रेलिया में हुए इस अध्ययन में दो तरह की डाइट को लेकर विश्लेषण किया तो पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग उन लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को 60 प्रतिशत तक कम कर देता है जिनमें बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है. यूनिवर्सिटी ऑफ ए़डिलेड की प्रोफेसर लियोनी हेलब्राउन ने बताया कि समय पाबंदी वाली डाइट या इंटरमिटेंट डाइट से टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है.

इस समय में खाने से मिलेगा फायदा

ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी के मुताबिक प्रो. लियोनी हेलब्राउन ने कहा कि अध्ययन में जिन लोगों ने सप्ताह में तीन दिन फास्टिंग किया और इस दौरान सिर्फ उन्होंने सिर्फ दो बार खाया, एक बार 8 बजे सुबह में और दूसरी बार 12 बजे दिन में, तो ऐसे लोगों में ग्लूकोज को पचाने की क्षमता 6 महीने बाद कई गुना बढ़ गई जबकि जो लोग लो कैलोरी डाइट लेते थे, उनलोगों में ऐसा नहीं देखा गया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इंटरमिटेंट फास्टिंग की उनमें इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ गई. वहीं ऐसे लोगों के खून में फैट की मात्रा भी कम हो गई. दूसरी ओर लो कैलोरी लेने वाले लोगों में इंसुलिन के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया.

अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन

इस अध्ययन में 200 लोगों ने 18 महीने तक भाग लिया. इनमें इंटरमिटेंट फास्टिंग रखने वाले और लो कैलोरी लेने वाले दोनों तरह के लोगों को शामिल किया गया था. हालांकि दोनों तरह के लोगों में वजन कम करने के मामले में समान परिणाम देखे गए. प्रमुख शोधकर्ता जियाओ तिओंग ने कहा कि यह विश्व में अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें देखा गया कि खाना खाने के बाद ग्लूकोज का किस तरह से इस्तेमाल होता है और बॉडी में किस तरह की प्रक्रिया होती है. यहीं चीजें डायबिटीज के इंडिकेटर के रूप में जानी जाती है. अध्ययन में यह पाया गया कि खाना खाने का समय और फास्टिंग की सलाह का स्वास्थ्य पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्री-डीयबिटीज के इलाज में इसका बहुत ज्यादा असर होने वाला है. शोधकर्ताओं ने कहा कि हालांकि अभी इस विषय में और रिसर्च की जरूरत है लेकिन खाने के समय को प्रतिबंध कर बहुत अधिक फायदा लिया जा सकता है.

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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle

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