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इंडोनेशिया के माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी में जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिससे 11 किमी ऊंचा राख का बादल फैला. ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी ने मैक्सिमम अलर्ट जारी किया है.

इंडोनेशिया में माउंट लेवोटोबी ‘लाकी-लाकी’ ज्वालामुखी फटा. (Image:PTI)
हाइलाइट्स
- इंडोनेशिया में माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी फटा.
- राख का गुबार 11 किमी ऊंचा उठा, मैक्सिमम अलर्ट जारी.
- प्रशासन ने 7 किमी दूरी बनाए रखने की सलाह दी.
जकार्ता. इंडोनेशिया के ईस्ट नुसा तेंगारा प्रांत में स्थित माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी में मंगलवार शाम जबरदस्त धमाका हुआ, जिससे 11 किलोमीटर ऊंचा राख का बादल आसमान में फैल गया. देश की ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी ने इस विस्फोट के बाद ज्वालामुखी के लिए सबसे खतरनाक चेतावनी स्तर (मैक्सिमम अलर्ट) जारी कर दिया है.
लेवोटोबी लाकी-लाकी इंडोनेशिया का एक 1,584 मीटर ऊंचा ज्वालामुखी है जो फ्लोरेस द्वीप पर स्थित है. यह ज्वालामुखी एक जुड़वां प्रणाली का हिस्सा है– दूसरा ज्वालामुखी है लेवोटोबी पेरंपुआन जो थोड़ा अधिक ऊंचा है लेकिन आमतौर पर शांत रहता है. स्थानीय समय के अनुसार शाम 5:35 बजे माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में शक्तिशाली विस्फोट हुआ. इस दौरान संतरी रंग का एक विशाल मशरूम जैसे आकार का राख का बादल गांवों के ऊपर फैल गया. इंडोनेशिया की ज्वालामुखी एजेंसी द्वारा साझा की गई तस्वीरों में यह नज़ारा साफ दिखाई देता है. हालांकि अभी तक किसी तरह के हवाई यातायात में रुकावट की सूचना नहीं है, लेकिन मार्च में हुए विस्फोट के समय ऑस्ट्रेलिया की जेटस्टार और क्वांटास एयरवेज सहित कई फ्लाइट्स को बाली जाने से रोकना पड़ा था.
इंडोनेशिया की भू-वैज्ञानिक एजेंसी के प्रमुख मुहम्मद वाफिद ने बताया कि भारी बारिश की स्थिति में लावा बहने का खतरा बढ़ सकता है. इसी कारण प्रशासन ने नागरिकों और पर्यटकों को ज्वालामुखी के क्रेटर से कम से कम 7 किलोमीटर की दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है.
क्यों इतना सक्रिय है यह क्षेत्र?
फिलहाल किसी जानमाल की हानि की सूचना नहीं है, और प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है. हालांकि मौसम और हवा की दिशा बदलते ही राख का बादल यात्रा और पर्यावरण दोनों को प्रभावित कर सकता है.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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