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कमल किशोर ने बताया कि इंदौर में इस खानदानी दुकान के अलावा भी कई शाखाएं भी हैं, लेकिन यह दुकान अब भी सबसे लोकप्रिय है. आलू कचोरी का स्वाद लेने यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. बताया कि वह एम.कॉम की डिग्री ले चुके हैं, लेकिन बचपन से ही पिताजी के साथ दुकान आते थे और उन्हें कचोरी बनाता देखते थे. इसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने इस काम को सीखा और नौकरी के बजाए कचोरी बनाने लगे.