नई दिल्ली: ट्विटर के मालिक और अरबपति कारोबारी एलन मस्क मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं. इंसानी दिमाग में चिप लगाने का दावा करने वाली एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक के खिलाफ अमेरिका में जांच शुरू कर दी गई है. अमेरिकी प्रशासन ने पशु-कल्याण कानूनों के संभावित उल्लंघन को लेकर एलन मस्क की मेडिकल डिवाइस कंपनी न्यूरालिंक के खिलाफ संघीय जांच शुरू कर दी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी के ही कर्मचारियों ने पशु परीक्षणों के बारे में सूचना दी और शिकायत की कि न्यूरालिंक पशु परीक्षण में जल्दबाजी कर रही है, जिससे पशुओं को अनावश्यक पीड़ा और मृत्यु हो रही है.
दरअसल, न्यूरालिंक कॉर्प एक मस्तिष्क प्रत्यारोपण (ब्रेन इम्प्लांट) विकसित कर रहा है. कंपनी आने वाले दिनों में इंसानी दिमाग में चिप लगाने का ट्रायल करने वाली है, जिससे लकवाग्रस्त लोगों को फिर से चलने और अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज करने में मदद मिलेगी. न्यूरालिंक की तरफ से दावा किया गया है कि इस चिप को लगाने के बाद कई तरह के रोगियों को बड़ी सुविधा मिलेगी. दिमाग में चिप लगाने के साथ ही एक चिप रीढ़ में भी लगाया जा सकता है. इसके लिए कंपनी ने जानवरों पर परीक्षण किया है और कुछ जानवरों में ब्रेन चिप इंप्लांट की है.
इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के अनुसार, संघीय अभियोजक के अनुरोध पर अमेरिकी कृषि विभाग के महानिरीक्षक द्वारा हाल के महीनों में कंपनी के खिलाफ संघीय जांच शुरू की गई थी. एक सूत्र ने कहा कि कंपनी के खिलाफ यह जांच पशु कल्याण अधिनियम के उल्लंघन पर केंद्रित है, जो नियंत्रित करता है कि शोधकर्ता कुछ जानवरों का इलाज और परीक्षण कैसे करते हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया कि उसके पास इसके दस्तावेज भी मौजूद हैं.
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यह संघीय जांच न्यूरालिंक के पशु परीक्षण के बारे में बढ़ते कर्मचारी असंतोष के बीच सामने आई है. कंपनी के ही कर्मचारियों ने शिकायत की है कि विकास अथवा परीक्षण में तेजी लाने के लिए सीईओ एलन मस्क लगातार दबाव डाल रहे हैं और जिसके परिणामस्वरूप कई प्रयोग विफल हुए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह के विफल परीक्षणों को दोहराया जाना पड़ा है, जिससे जानवरों को अनावश्यक पीड़ा से गुजरना पड़ा है और जानवरों की मौत की संख्या बढ़ रही है.
दरअसल, अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने बीते दिनों कहा था कि उनकी न्यूरालिंक कंपनी इंसानों के दिमाग में उपकरण लगाने (ब्रेन इम्प्लांट) का परीक्षण करने की जल्द ही अनुमति मांगेगी. मस्क ने कहा था कि उनकी टीम अमेरिकी नियामकों से उन्हें उपकरण का परीक्षण करने की अनुमति देने का अनुरोध करेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि कंपनी को लगभग छह महीने में परीक्षण के तहत मानव मस्तिष्क में उपकरण लगाने में सक्षम होगी.
एलन मस्क के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा कंपनी के लिए काफी अच्छी रही है और अगले छह महीने में पहले इंसानी परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मस्क की न्यूरालिंक कंपनी उन कई समूहों में से एक है, जो मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ने पर काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य मस्तिष्क रोगों के इलाज में मदद करना है. मस्क ने दो अन्य उत्पादों का खुलासा किया है. नये उपकरण को रीढ़ की हड्डी में लगाया जाएगा. कंपनी का मानना है कि लकवाग्रस्त किसी भी व्यक्ति को यह फिर से ठीक कर सकता है.
टेस्ला और स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि पूरे शरीर की कार्यक्षमता को सक्षम करने के लिए कोई भौतिक सीमाएं नहीं हैं.’ इंसानी दृष्टि को बेहतर करने के लिए शोधकर्ता मस्तिष्क और मशीन इंटरफेस पर भी काम कर रहे हैं. राव ने कहा कि कुछ कंपनियों ने ‘रेटिनल इम्प्लांट’ विकसित किए हैं, लेकिन मस्क की घोषणा से स्पष्ट है कि उनकी टीम सीधे मस्तिष्क के ‘विजुअल कॉर्टेक्स’ को लक्षित करने वाले संकेतों का उपयोग करेगी.
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Tags: America, Elon Musk, Tesla
FIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 10:08 IST