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इजरायल और हमास के बीच चल रहे कत्लेआम को आज 26 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया है। इस महायुद्ध में दोनों खेमों से 10 हजार लोगों की बलि चढ़ गई। अकेले गाजा पट्टी से मरने वालों की संख्या 8000 पार हो गई है, जिसमें 3200 से अधिक बच्चे हैं। इस भयावह कत्लेआम में अमेरिका जो अभी तक हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल की तरफ-दारी कर रहा था, उसने अपने सुर बदल दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने हालिया बयान में कुछ समय के लिए युद्ध विराम का आह्वान किया है। दरअसल, बुधवार शाम को एक भाषण के दौरान जब उन्हें फिलिस्तीनी समर्थकों का गुस्सा झेलना पड़ा तो उन्होंने यह बयान दिया। इजरायल के साथ खड़े बाइडेन को शुरुआत से अरब देशों और मुस्लिम देशों की आलोचना भी झेलनी पड़ी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि उन्हें लगता है कि इजरायल और हमास युद्ध में गाजा में फंसे लोगों की मदद के लिए कुछ देर संघर्ष विराम होना चाहिए। बुधवार शाम एक भाषण के दौरान फिलिस्तीनियों के समर्थन में लोगों ने बाइडेन का विरोध किया था। बाइडेन ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें थोड़ा विराम की जरूरत है।” बाइडेन का यह बयान तब आया है जब इजरायल और हमास के बीच युद्ध पर व्हाइट हाउस कहता रहा है कि वह नेतन्याहू को यह निर्देश नहीं देंगे कि गाजा पट्टी में इजरायली सैन्य अभियान कैसे चलाया जाए।
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किस बात से घबराए बाइडेन
राष्ट्रपति बाइडेन का सीजफायर वाला बयान ऐसे ही नहीं दिया गया। कई मानवाधिकार समूहों, साथी नेताओं और यहां तक कि उनकी अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सदस्य उनसे नाराज हैं। बाइडेन की आलोचना की जा रही है कि वो गाजा पर इजरायली बमबारी को रोकने के लिए संघर्ष विराम की बात नहीं कर रहे हैं। बाइडेन ने यह कहकर इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव डालने की कोशिश की है कि फिलिस्तीनियों को सैन्य अभियान से कम से कम थोड़ी राहत दी जानी चाहिए। इस कत्लेआम में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और गाजा भीषण मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
उधर, व्हाइट हाउस ने संघर्ष विराम का आह्वान करने से इनकार कर दिया है। फिर भी, यह संकेत जरूर दिया कि इजरायलियों को गाजा पट्टी के नागरिकों को सहायता करने और फंसे विदेशी नागरिकों को गाजा छोड़ने की अनुमति देने के लिए संघर्ष विराम पर विचार करना चाहिए। वहीं, इजरायली सेना ने बुधवार को कहा कि जमीनी सेना आतंकवादियों के साथ भारी लड़ाई में गाजा शहर के नजदीक आ रही है।
गौरतलब है कि तीन सप्ताह से अधिक समय तक इजरायली सैनिकों की घेराबंदी के बाद गाजा पट्टी से सैकड़ों विदेशी नागरिकों और दर्जनों गंभीर रूप से घायल फिलिस्तीनियों को गाजा छोड़ने की अनुमति दी गई। गाजा छोड़कर निकलने वालों में हमास द्वारा रिहा किए गए चार बंधक भी शामिल हैं। कईयों ने मिस्र का रुख किया है। इसके अलावा बमबारी से सैकड़ों हजारों लोग भोजन और पानी के संकट के बीच अपने घर छोड़ चुके हैं।