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CJI Chandrachud: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं। बुधवार को वे एक सुनवाई के दौरान एक वकील पर नाराज हो गए और उसे जमकर फटकार लगाई। सीजेआई ने वकील को टोकते हुए कहा कि एक सेकंड, अपनी आवाज धीमी करें। आप भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष बहस कर रहे हैं, अपनी आवाज कम करें, अन्यथा मैं आपको अदालत से बाहर करवा दूंगा। सीजेआई ने कहा कि आप अपनी आवाज उठाकर हमें डरा नहीं सकते हैं। 23 साल के मेरे करियर में कभी ऐसा नहीं हुआ है और आखिरी साल भी नहीं होने दूंगा। इसके बाद वकील ने सीजेआई से माफी मांग ली। हालांकि, यह पहली बार नहीं था जब सीजेआई ने किसी सुनवाई के दौरान वकील को फटकार लगाई हो। पहले भी वे कई वकीलों पर नाराज हो चुके हैं। जानिए, कब और किस मामले में सीजेआई लगा चुके हैं फटकार…
जब वकील से बोले- मेरे साथ ये चालें मत चलो
पिछले साल अप्रैल महीने में सीजेआई एक वकील पर नाराज हो गए थे। जब वकील ने पहले उनके मामले की जल्द सुनवाई की मांग की और जब उन्हें बताया गया कि इसे 17 अप्रैल को सूचीबद्ध किया जाएगा, तो उन्होंने इसे किसी अन्य पीठ के समक्ष उल्लेख करने की स्वतंत्रता मांगी। वकील ने कहा, ”अगर इजाजत हो तो मैं दूसरी पीठ के समक्ष उल्लेख कर सकता हूं।” इस पर सीजेआई ने फटकार लगाते हुए कहा कि मेरे साथ ये चालें मत चलो। पीठ के मूड को भांपते हुए वकील ने खेद व्यक्त किया और कहा कि उन्हें अपनी दलीलों के लिए माफ कर दें। इस पर सीजेआई ने कहा माफ करते हुए कहा कि हां, माफ करते हैं, लेकिन मेरे अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें।
इनका मोबाइल ले लो…, जब भड़के सीजेआई चंद्रचूड़
कुछ समय पहले अक्टूबर महीने में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कोर्टरूम में सुनवाई के दौरान एक वकील पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ये क्या मार्केट है जो आप फोन पर बात कर रहे हैं? दरअसल, वकील कोर्टरूम में ही फोन पर बात कर रहा था, जिस पर सीजेआई भड़क गए। चंद्रचूड़ ने यहां तक कह दिया था कि इनका मोबाइल ले लो। सीजेआई ने वकील को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “भविष्य में सावधान रहें। जज सब कुछ देखते हैं। हम भले ही कागजात देख रहे हों, लेकिन हमारी नजर हर जगह है।”
जब वरिष्ठ वकील विकास सिंह पर भड़क गए थे चंद्रचूड़
पिछले साल मार्च महीने में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अदालत में उस समय अपना आपा खो दिया था जब याचिका की लिस्टिंग पर तीखी नोकझोंक के दौरान एक वकील को जाने का आदेश दिया। वह वकील तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह थे। विकास ही सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनके वकील भी रहे हैं। सीजेआई ने विकास सिंह पर गुस्सा होते हुए कहा था कि चुप रहो। अभी इस अदालत से चले जाओ। आप हमें डरा नहीं सकते हैं। विकास वकीलों के संगठन की एक याचिका पर सुनवाई पर जोर दे रहे थे, जिसमें मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि का इस्तेमाल वकीलों के लिए चैंबर ब्लॉक के लिए किया जाए। उन्होंने कहा, वकील पिछले छह महीने से मामले को सूचीबद्ध कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
‘बताएं हम कब पूरे दिन बेकार बैठे रहते हैं’
इस पर सीजेआई ने जवाब दिया था कि आप इस तरह जमीन की मांग नहीं कर सकते। आप हमें बताएं कि हम किस दिन पूरे दिन बेकार बैठे रहते हैं? इसके बाद विकास सिंह ने कहा था कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप पूरे दिन खाली बैठे हैं। मैं केवल मामले को सूचीबद्ध करने की मांग कर रहा हूं। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो मुझे इसे आगे बढ़ाना होगा और इसे आपके निवास तक ले जाना होगा। इस पर सीजेआई ने दो टूक कहा था कि धमकी न दें। क्या यह व्यवहार करने का एक तरीका है? उन्होंने कहा, ”मैं सीजेआई हूं। मैं 29 मार्च 2000 से यहां हूं। मैं इस पेशे में 22 साल से हूं। मैंने कभी भी बार के किसी सदस्य, वादी या किसी अन्य द्वारा खुद को धमकाने की अनुमति नहीं दी है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।”