Home Life Style इन महिलाओं में है हिप फ्रैक्चर का खतरा ज्यादा, 5 चीजों को डाइट में कर लें शामिल, वरना बाद में पड़ेगा पछताना

इन महिलाओं में है हिप फ्रैक्चर का खतरा ज्यादा, 5 चीजों को डाइट में कर लें शामिल, वरना बाद में पड़ेगा पछताना

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इन महिलाओं में है हिप फ्रैक्चर का खतरा ज्यादा, 5 चीजों को डाइट में कर लें शामिल, वरना बाद में पड़ेगा पछताना

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हाइलाइट्स

रिसर्च में पाया गया है कि वेजिटेरियन महिलाओं में हिप फ्रेक्चर का जोखिम ज्यादा होता है.
चाहे वेजिटेरियन हो या नॉन वेजिटेरियन, हर व्यक्ति में इसकी अलग-अलग जरूरतें हैं

Hip Fracture in Vegetarian Women: हड्डियां हमारे शरीर का सबसे प्रमुख आधार स्तंभ है. इसी पर हमारा पूरा शरीर टिका रहता है. उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होना आम बात है लेकिन कुछ लोगों में समय से पहले हड्डी कमजोर होने लगती है. आमतौर पर ऐसे लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होती है. इसमें हड्डियां कमजोर और क्षणभंगुर होने लगती है. यहां तक कि हल्का सा हड्डियों पर तनाव पड़ता है कि हड्डियों में फ्रेक्चर हो जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस में ज्यादातर हड्डियां हिप, कलाई और स्पाइन की टूटती है. पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जो महिलाएं वेजिटेरियन होती हैं, उनमें हिप फ्रेक्चर का जोखिम ज्यादा रहता है.

यह बात हम नहीं बल्कि एक अध्ययन में कहा गया है. अमेरिकन सोसाइटी ऑफ बोन एंड मिनिरल रिसर्च के अध्ययन में दावा किया गया है कि जो महिलाएं वेजिटेरियन है उनमें हिप फ्रेक्चर का जोखिम बहुत ज्यादा है.

20 साल के अध्ययन में सामने आई बात

साइंसडेली की खबर में लीड्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के हवाले से बताया गया कि लंबे समय तक महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधित डाटा का विश्लेषण करने के बाद पाया गया है कि मांस-मछली नहीं सेवन करने वाली महिलाओं को हिप फ्रेक्चर का खतरा ज्यादा है. अध्ययन में मध्यम आयु वर्ग के 26,318 महिलाओं को शामिल किया. इन महिलाओं की हेल्थ पर 20 साल तक बारीक नजर रखी गई. इसके बाद पाया गया कि इन महिलाओं में उनका हिप फ्रेक्चर ज्यादा हुआ जो वेजिटेरियन थीं. यह कुल महिलाओं का लगभग 3 प्रतिशत थीं. हालांकि हिप फ्रेक्चर के लिए अन्य कारक भी जिम्मेदार होते हैं जिनमें स्मोकिंग और उम्र भी वजह है.

क्या वेजिटेरियन नहीं होना चाहिए

अब सवाल यह उठता है कि क्या महिलाओं को हिप फ्रेक्चर की वजह से वेजिटेरियन नहीं बनना चाहिए. अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता जेम्स वेबस्टर ने बताया कि अध्ययन में अन्य चीजों पर भी बारीकी से नजर डाली गई. वेबस्टर ने बताया कि चाहे वेजिटेरियन हो या नॉन वेजिटेरियन, हर व्यक्ति में इसकी अलग-अलग जरूरतें हैं और अगर भोजन के साथ संतुलित पोषक तत्वों की प्राप्ति नहीं होता तो इससे दिक्कतें होंगी.

अध्ययन में यह पाया गया कि जिन महिलाओं ने वेजिटेरियन डाइट का सहारा लिया उनमें आमतौर पर पर्याप्त प्रोटीन, कैल्शियम का अभाव था जो कि नॉन वेज खाना में में ज्यादा मिल जाते हैं. इसलिए वेजिटेरियन डाइट को नुकसानदेह नहीं कहा जा सकता है. इसके लिए संतुलित आहार की जरूरत है.



फ्रेक्चर न हो, इसके लिए कैसा हो आहार

हड्डियों की मजबूती के लिए प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी 12,ओमेगा थ्री फैटी एसिड, फॉस्फोरस और जिंक समेत कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इसे प्राप्त करने के लिए हरी पत्तीदार सब्जियां जैसे कि फूलगोभी, सोयाबीन, टोफू, प्लांट बेस्ड ड्रिंक, रोटी, दूध, दही, डेयरी प्रोडक्ट, मसूर की दाल, सीशम सीड, राइस, ड्राई फ्रूट, किशमिश, अंजीर, खुबानी आदि का सेवन करें. इसके अलावा स्मोकिंग और अल्कोहल से भी दूर रहना होगा. वहीं नियमित रूप से एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है.

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