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इन 3 बड़े कारणों से राजस्थान में बोल्ड हुई कांग्रेस, जानिए क्या रहा अहम फैक्टर

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इन 3 बड़े कारणों से राजस्थान में बोल्ड हुई कांग्रेस, जानिए क्या रहा अहम फैक्टर

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रुझानों के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस हारती नजर आ रही है. अब सवाल ये है कि राजस्थान में कांग्रेस की हालत इतनी खराब कैसे हो गई.

News Nation Bureau | Edited By : Ravi Prashant | Updated on: 03 Dec 2023, 12:35:29 PM
Rajasthan Assembly Election 2023

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 (Photo Credit: social media)

नई दिल्ली:  

राजस्थान में अब तक आए रुझानों के मुताबिक बीजेपी राज्य में सरकार बनाती दिख रही है.जिस तरह से आंकड़े बीजेपी के पक्ष में आ रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि बीजेपी आसानी से कांग्रेस को हरा देगी. रुझानों के मुताबिक, राजस्थान में बीजेपी 114, कांग्रेस 70 और अन्य 15 सीटों पर हैं. राजस्थान में कुल सीटें 199 हैं और बीजेपी इस आंकड़े के करीब तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, ये आंकड़े रुझानों के हैं. इसलिए बीजेपी सत्ता में आएगी या कांग्रेस दोबारा सत्ता पर काबिज करेगी तो अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है. इन आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में कांग्रेस पिछड़ रही है, ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस की हालत इतनी खराब क्यों दिख रही है.

कांग्रेस में गुटबाजी की हो गई शिकार?

अगर राजस्थान में कांग्रेस हारती है तो इसकी सबसे बड़ी वजह क्या हो सकती है? आज हम विस्तार से जानेंगे कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में ऐसा क्या किया है, जिसके कारण वह हार के करीब पहुंच गई है. इसका पहला जवाब है राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी हुआ.एक तरफ अशोक गहलोत का गुट बना तो दूसरी तरफ सचिन पायलट का गुट बना. जिससे राजस्थान कांग्रेस कमजोर हो गई. हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने इस दूरी को पाटने की कोशिश की, लेकिन ये दूरी मिट तो गई, लेकिन सिर्फ लोगों की नजरों में.

लाल डायरी ने करवा दी फजीहत?

राजस्थान कांग्रेस के लिए दूसरी सबसे बड़ी वजह लाल डायरी भी कही जा सकती है. इस लाल डायरी ने राजस्थान की राजनीति में ऐसा भूचाल ला दिया कि हर कोई दंग रह गया. जब विधानसभा में गहलोत कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी लेकर पहुंचे तो पूरा बवाल हो गया. लाल डायरी को लेकर दावा किया गया कि यह डायरी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है. लाल डायरी विवाद के बाद कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को पार्टी से निकाल दिया गया था. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि लाल डायरी में कई ऐसे राज छिपे हैं, जो अशोक गहलोत को बेनकाब कर देंगे. चुनाव से ठीक पहले इस लाल डायरी ने लोगों के मन में कई सवाल पैदा कर दिए, जिससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि खराब हुई.

क्या एंटी-इनकम्बेंसी फैक्टर माना जाएगा?

राजस्थान में बार-बार सत्ता परिवर्तन की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. कई सालों से बीजेपी या कांग्रेस राज्य में सत्ता में आने के बाद लगातार दूसरी बार जीत हासिल नहीं कर पाई है. ऐसे में अगर कांग्रेस हारती है तो यह भी सबसे बड़ा एंटी-इनकम्बेंसी फैक्टर माना जा सकता है. हालांकि, इस बार कांग्रेस दावा कर रही थी कि वो इतिहास को बदलेगी और कांग्रेस राजस्थान में प्रचंड बहुमत बनाएगी.




First Published : 03 Dec 2023, 12:35:29 PM






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