Home National इसे कहते हैं किस्‍मत…आलू-प्याज की खेती में होता था नुकसान, अब इस सब्‍जी से किसान हुआ मालामाल

इसे कहते हैं किस्‍मत…आलू-प्याज की खेती में होता था नुकसान, अब इस सब्‍जी से किसान हुआ मालामाल

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इसे कहते हैं किस्‍मत…आलू-प्याज की खेती में होता था नुकसान, अब इस सब्‍जी से किसान हुआ मालामाल

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राजकुमार सिंह/वैशाली. पारंपरिक खेती के इतर सब्जी, फल या फिर औषधीय पौधों की खेती से आजकल किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इस बीच वैशाली जिले में भी अब बड़े पैमाने पर किसान सब्जियों की खेती करने लगे हैं. जिले के जंदाहा प्रखंड के रसलपुर गांव के रहने वाले किसान संजय चौधरी भी पिछले दो साल से साढ़े चार एकड़ खेत में परवल की खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें एक सीजन में पांच लाख तक की आमदनी हो जाती है. इससे वे काफी खुश हैं.

किसान संजय चौधरी ने परवल की खेती को अपनी आमदनी का मुख्य जरिया बनाया लिया है. साढ़े चार एकड़ में खेती से लगभग पांच लाख रुपये की आमदनी हो रही है. अच्छा मुनाफा होने से गांव के अन्य किसान भी परवल की खेती से जुड़ रहे हैं. उन्‍होंने बताया कि परवल की खेती फरवरी माह से शुरू की जाती है. इसी माह खेत को तैयार किया जाता है. इसके बाद पांच फीट के अंतराल पर बनाए गए गड्ढे में परवल का पौधा लगाया जाता है. सिंचाई और खाद का छिड़काव होने के बाद टॉनिक का छिड़काव किया जाता है. फिर मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक परवल तोड़ने लायक हो जाता है.

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दो साल से कर रहे परवल की खेती
किसान संजय चौधरी ने बताया कि परवल की खेती में इनकम ज्यादा है, इसलिए वे दो साल से इसकी खेती कर रहे हैं. इससे पहले वह आलू और प्याज की बड़े पैमाने पर खेती करते थे, लेकिन मेहनत के हिसाब से रिटर्न नहीं आता था. इसी वजह से पिछले दो साल से साढ़े चार एकड़ में परवल की ही खेती कर रहे हैं. साथ ही बताया कि परवल के फलन के लिए गर्म मौसम अति आवश्यक है. जितनी अच्छी गर्मी होगी, परवल उतना अधिक फलेगा. वहीं, अधिक पानी परवल के लिए नुकसानदायक है, इसलिए इसकी खेती बलुआही या ऊंची खेत में की जाती है.

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एक सीजन में 5 लाख तक की आमदनी
किसान संजय चौधरी के मुताबिक, एक महीने में 70 क्विंटल परवल का फलन हो जाता है. इससे महीने में खर्च काटकर 40 हजार रुपये तक की बचत हो जाती है. साथ ही बताया कि इससे पहले आलू और प्याज का रेट गिर जाने से काफी नुकसान हो जाता था, लेकिन परवल की खेती से एक सीजन में 5 लाख तक की आमदनी हो जाती है.

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