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परमजीत सिंह/टोहाना: आंखें हैं तो जहान है. देश में लाखों लोग जन्मजात या फिर जन्म के बाद किसी बीमारी के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो देते हैं. ऐसे लोगों के लिए टोहाना का जैन समाधि अस्पताल किसी वरदान से कम नहीं है. इस अस्पताल की शुरुआत 1970 में एक टेंट में हुई थी. आज ये अस्पताल आंखों के इलाज के लिए पूरे उत्तर भारत में मशहूर है. हर महीने यहां चार बार कैंप लगाए जाते हैं, जिनमें गरीबों की आंखों के ऑपरेशन फ्री होते हैं और दवाएं भी दी जाती हैं.
अस्पताल निर्माण के पीछे एक रोचक कहानी है. जैन समाधि अस्पताल के संचालक संस्था प्रधान नरेश कुमार जैन, सचिव नरेश मित्तल और फाउंडर मेंबर अमृतलाल जैन ने बताया कि चातुर्मास के दौरान यहां जैन मुनि फकीर चंद जी का आना-जाना होता था. उनकी प्रेरणा से 1970 में यहां टेंट लगाकर साल में एक-दो बार आंखों का कैंप लगाना शुरू किया गया था. उस समय आंखों का ऑपरेशन, हार्ट के ऑपरेशन के समान कठिन होता था. 8 दिन तक मरीज को कैंप में ही भर्ती रखते थे और तीन दिन तक हिलने तक नहीं दिया जाता था. उस समय भी यह ऑपरेशन फ्री होता था.
आगे बताया कि बाद में मुनि जी की प्रेरणा से सिलसिला बढ़ता चला गया और कैंपों की संख्या बढ़ती गई. टेंटों की जगह दो कमरे बनाए गए और मरीज भर्ती किए जाने लगे. कैंप खुले में लगता रहा. एक बार बरसात आई जिस कारण मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. भविष्य में इस तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े इसके लिए हॉल का निर्माण कर दिया गया. फिर यहीं से अस्पताल चलाने की प्रेरणा मिली और संडे को अस्पताल का संचालन किया जाने लगा. यहां पीले व गुलाबी कार्ड धारकों को अब भी निशुल्क इलाज किया जाता है. अब तक 50 हजार से ज्यादा ऑपरेशन हो चुके हैं.
500 से ज्यादा ओपीडी
1990 में अस्पताल बना इसके बाद बड़ी संख्या में मरीज आने लगे. 2003 में सहज मुनि जी यहां आए, उन्होंने इस अस्पताल को आधुनिक रूप देने की इच्छा व्यक्त की. महंगी मशीनों के कारण ये काम संभव नज़र नहीं आ रहा था, लेकिन दानी सज्जनों की वजह से ये भी मुमकिन हो गया. 2015 में अस्पताल पूरी तरह रेगुलर हो गया और अब 10 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की यहां सेवाएं दे रहे हैं और आयुष्मान भारत के तहत पूरी तरह रजिस्टर्ड हैं. 15 निजी मेडिकल कंपनी की भी कैशलेस सुविधाएं हैं. 500 से ज्यादा ओपीडी होती हैं. लोगों का मानना है कि यहां पर जैन मुनि, तपस्वियों की कृपा से पॉजिटिव एनर्जी हमेशा रहती है, जो कभी कोई केस खराब नहीं होने देती.
हजारों लोगों को मिली रोशनी
यहां अपनी सेवाएं दे रहे डॉ. मनविंद्र सिंह जैन का कहना है कि कम खर्चे पर इलाज व ऑपरेशन करने वाला यह एकमात्र अस्पताल है. गरीबों के लिए यह नि:शुल्क सुविधाएं दे रहा है. दवाइयां भी बाहर की बजाए सस्ते रेट पर अंदर ही दी जाती हैं. मार्केट के हिसाब से बेहद ही कम खर्चे पर मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जाते हैं. अच्छी क्वालिटी के लेंस डाले जाते हैं. अत्याधुनिक मशीनें यहां हैं. इस अस्पताल में इलाज के बाद हजारों लोगों की आंखों की रोशनी आ चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2023, 16:51 IST
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